इटावा। उत्तर प्रदेश में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में कथित रैगिंग की घटना को लेकर उस समय नया मोड आ गया जब एमबीबीएस के छात्र रैगिंग को लेकर मेडिकल प्रशासन के पक्ष मे आ खडे हुए। बुधवार दोपहर 198 एमबीबीएस छात्रो ने कुलपति और अन्य अधिकारियो को लिखित बयान देकर कहा कि उनके साथ रैगिंग की कोई भी घटना नहीं हुई है। सैफई मेडिकल यूनीवसिर्टी के कुलपति प्रो.रामकुमार ने आज यहॉ यह जानकारी दी। दूसरी ओर इटावा के जिलाधिकारी जे.बी.सिंह ने बताया कि सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में कथित तौर पर रैगिंग का मामला सामने आने के बाद जांच के आदेश दिये गये है। उन्होंने बताया कि कथित तौर पर रैगिंग का मामला सामने आने के बाद रजिस्ट्रार और सैफई के उपजिलाधिकारी से अलग अलग जांच आख्या मांगी है।
जांच आख्या को शासन को भेजा जायेगा। उन्होंने बताया कि उन्हे समाचार पत्रो,न्यूज चैनलो और वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से इस तरह की जानकारी मिली है और उसकी जांच कराई जा रही है। सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में कथित तौर पर रैगिंग का मामला सामने आने के बाद मचे हड़कंप के बीच पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन में संयुक्त रूप से मेडिकल छात्रों से कई स्तर की बातचीत की। संयुक्त टीम का उद्देश्य यह जानने का था कि यूनिवर्सिटी केंपस के भीतर मेडिकल छात्रों के साथ किसी भी तरह की रैगिंग की घटना तो घटित नहीं हुई है लेकिन यूनिवर्सिटी और पुलिस प्रशासन की टीम तब संतुष्ट हुई जब किसी भी मेडिकल छात्र की ओर से रैगिंग की घटना से स्पष्ट तौर पर इंकार कर दिया। संयुक्त रूप से हुई बातची से यह स्पष्ट है कि यूनिवर्सिटी के भीतर रैगिंग जैसा कोई मामला नहीं हुआ है और ना ही किसी भी छात्र एवं छात्रा के सिर के बाल को किसी ने काटा है बल्कि खुद ही सभी मेडिकल छात्रों ने अपने बाल काटे है।