इंडियन प्रीमियर लीग 2012 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने गौतम गंभीर की कप्तानी में पहला खिताब जीता था। केकेआर ने एमए चिदंबरम स्टेडियम में डिफेंडिंग चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स को हराकर पहली बार ट्रॉफी पर अपना कब्जा जमाया था। इस हाई वोल्टेज यादगार फाइनल मैच में धोनी एंड कंपनी 191 रनों का बचाव करने में असफल रही थी और 5 विकेट से मैच हार गई थी। इसके बाद गौतम गंभीर की कप्तानी की जमकर तारीफ हुई थी। उस समय केकेआर की टीम में जैक कैलिस, ब्रेट ली, लक्ष्मीपति बालाजी, शाकिब अल हसन, युसूफ पठान और मनोज तिवारी जैसे खिलाड़ी थे। 27 तारीख को केकेआर ने अपनी इस जीत की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की, जिसके बाद मनोज तिवारी नाराज हो गए।
कोलकाता नाइट राइडर्स ने अपने ऑफिशियर टि्वटर हैंडल से 27 मई 2012 के दिन जीते गए अपने इस पहले खिताब की कुछ तस्वीरें शेयर की गईं। लेकिन इस जश्न ने मनोज तिवारी और शाकिब अल हसन को टैग नहीं किया, जिससे तिवारी नाराज हो गए। मनोज तिवारी अपना आखिरी मैच भारत के लिए 2015 में खेले थे। इस ट्वीट में केकेआर ने मनविंदर बिस्ला, गौतम गंभीर, ब्रेंडन मैक्कुलम, सुनील नरेन और ब्रेट ली को टैग किया। इस पर मनोज तिवारी नाराज हो गए और इसे अपना अपमान बताया। उन्होंने केकेआर के इस ट्वीट का जवाब दिया।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, हां अन्य खिलाड़ियों के साथ मेरी भी कुछ यादें, भावनाएं हैं जो हमेशा रहेगी, लेकिन केकेआर के ट्वीट के बाद मैंने देखा कि वे मुझे टैग करना भूल गए हैं, यह मेरा सरासर अपमान है। यह ट्वीट हमेशा मेरे करीब रहेगा और मुझे निराश करता रहेगा।
केकेआर की इस जीत में मनोज तिवारी ने 15 मैचों में 260 रन बनाए थे और उनका स्ट्राइक रेट 100 से ऊपर था। उन्होंने एक अर्द्धशतक भी बनाया था। उस समय तिवारी बल्लेबाजी की मुख्य कड़ी थे। बाद में वह राइजिंग पुणे सुपर जाइंट्स की टीम में चले गए। यह भी 2017 में टीम को फाइनल तक ले जाने में उनकी अहम भूमिका थी। संयोग से 27 मई को ही 2018 में चेन्नई सुपर किंग्स ने अपना तीसरा खिताब जीता था।