भोपाल। मध्यप्रदेश में सायबर तहसील व्यवस्था के माध्यम से पिछले छह माह में एक लाख से अधिक किसानों के पास नामांतरण आदेश पहुंचाएं गए हैं। नामांतरण आदेश ई-मेल और व्हाट्सएप पर भेजे गए। धिकारिक सूत्रों के अनुसार सायबर तहसील व्यवस्था से 20 दिन से कम समय में नामांतरण आदेश हुए, जबकि पारंपरिक तहसील व्यवस्था से नामांतरण में ढाई माह से अधिक का समय लगता है। सायबर तहसील व्यवस्था से किसानों के हित में सकारात्मक बदलाव आए है। साइबर तहसील की कार्यप्रणाली को देश में सबसे पहले लागू करने वाला राज्य मध्यप्रदेश है।
सूत्रों के अनुसार सायबर तहसील व्यवस्था की शुरुआत इसी वर्ष 29 फरवरी को की गई। प्रारंभ में सम्पूर्ण खसरा के क्रय- विक्रय की रजिस्ट्री के आधार पर सायबर तहसील से नामांतरण की व्यवस्था की गई। सायबर तहसील 1.0 की सफलता के बाद अगस्त माह में सायबर तहसील 2.0 की शुरुआत की गई। इसके लागू होने से सम्पूर्ण खसरा के साथ खसरा के भाग, हिस्सा के क्रय विक्रय के नामांतरण की व्यवस्था भी साइबर तहसील से होने लगी है।
सायबर तहसील व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालन के लिए तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पदों की संख्या को 11 से बढ़ाकर 25 की गयी है। सायबर तहसील व्यवस्था सभी 55 जिलों में प्रभावशील है, जो पूर्णत: पेपरलेस, फेसलेस ऑनलाइन व्यवस्था है। इसमें आवेदक को नामांतरण के लिए आवेदन नहीं करना होता और न ही तहसील कार्यालय के चक्कर लगाना पड़ते है। आवेदक को लम्बा इंतजार भी नहीं करना पड़ता है।