नई़ दिल्ली। भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने कहा है कि पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को उनकी कप्तानी का अधिक श्रेय नहीं मिला जिसके वह हकदार थे। गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ कहा, ‘‘मैंने अपना वनडे पर्दापण सौरभ गांगुली की कप्तानी में और टेस्ट पर्दापण राहुल द्रविड़ की कप्तानी में किया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि द्रविड़ को उनकी कप्तानी का अधिक श्रेय नहीं मिला।’’
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ हम कप्तान के रूप में केवल सौरभ गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की चर्चा करते हैं जबकि राहुल द्रविड़ भी भारत के शानदार कप्तान थे। अगर राहुल द्रविड़ के आंकड़ों को उठाकर देखें तो पता चलता है कि वह कितने अंडररेटेड खिलाड़ी और कितने अंडररेटेड कप्तान रहे।’’
गंभीर ने कहा, ‘‘उनकी कप्तानी में हमने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में जीत हासिल की और लक्ष्य का पीछा करते हुए 14 या 15 मैचों में लगातार जीत हासिल कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। एक क्रिकेटर के तौर पर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में ओप निंग की, तीन नंबर पर लंबे समय तक बल्लेबाजी की, विकेटकींिपग की , जरूरत पड़ने पर फिनिशर की भी भूमिका निभाई। भारतीय क्रिकेट और टीम के कप्तान ने उनसे जो करने को कहा वह उन्होंने किया। हमें इसी तरह के आदर्श खिलाड़ी की जरूरत है।’’
भारत ने द्रविड़ की कप्तानी में 25 में से आठ टेस्ट जीते जबकि वनडे मैचों में से 79 मैचों में से 42 मैच जीते। द्रविड़ 2007 के विश्व कप में भारतीय टीम के कप्तान थे लेकिन टीम प्रबल दावेदार होने के बावजूद ग्रुप चरण में बाहर हो गयी थी। द्रविड़ की कप्तानी पर यह प्रदर्शन एक धब्बे के समान रहा।
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गंभीर ने कहा, ‘‘मेरे हिसाब से द्रविड़ का काफी बड़ा प्रभाव था। गांगुली अधिक चमकदार थे, इसलिए वनडे क्रिकेट में उनका अधिक प्रभाव था लेकिन अगर समग्र प्रदर्शन देखें तो द्रविड़ का प्रभाव ज्यादा था। आप उनके प्रभाव की तुलना सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी से कर सकते हैं। उन्होंने पूरा जीवन सचिन की छाया में खेला लेकिन वह अपनी अमिट छाप छोड़ने में उनके बराबर थे।’’