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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स को जान से मार देना चाहते था टीम इंडिया का ये....

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 30 2020 12:07AM | Updated Date: May 30 2020 12:07AM
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नई दिल्ली। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत अपने गुस्सैल स्वभाव के लिए काफी मशहूर थे। एस श्रीसंत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंदबाजी करना बहुत पसंद था। 2007 टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रीसंत ने घातक गेंदबाजी की थी। 
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में भारत ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया को 15 रनों से हराते हुए फाइनल का टिकट हासिल किया। इस सेमीफाइनल मैच में भारत के लिए तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने कमाल की गेंदबाजी की थी। श्रीसंत ने शानदार काम करते हुए 4 ओवर में 12 रन देकर दो बड़े विकेट हासिल किए थे।
 
एस श्रीसंत भले ही भारतीय टीम का हिस्सा पिछले कई सालों से ना हो लेकिन उन्होंने 2007 के विश्व टी20 के सेमीफाइनल मैच की यादों का ताजा किया। उन्होंने इसको याद करते हुए एक बड़ा खुलासा किया जिसमें उन्होंने कहा कि वो 2003 के विश्व कप के फाइल में ऑस्ट्रेलिया ने जिस तरह से भारत को हराया था उसे देखते हुए वो ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों को जान से मारना चाहते थे।
 
एस श्रीसंत भारत की 2003 के विश्व कप फाइनल में मिली हार से बहुत ही आहत हुए थे। वो किसी तरह से उस मैच की हार के गम को भुलाने के लिए ऑस्ट्रेलिया को मात देना चाहते थे। उसी मैच को दिमाग में रखते हुए श्रीसंत ने 2007 का सेमीफाइनल खेला। इस मैच को लेकर श्रीसंत ने कहा कि “मुझे याद है कि मैं मैथ्यू हेडन को यॉर्कर गेंद फेंकना चाहता था लेकिन उसने पहली गेंद पर चौका जड़ दिया। अगर आप उस मैच को देखेंगे तो आपको नजर आएगा कि मैं उस मैच में काफी पैशन के साथ खेल रहा था। मैं बस ऑस्ट्रेलिया को हराना चाहता था। जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने 2003 में विश्व कप फाइनल में भारत को हराया था। वो हमेशा मेरे दिमाग में था। मैं उनको जान से मारना चाहता था।”
 
एस श्रीसंत ने आगे कहा कि “मुझे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर बहुत गुस्सा आता है। मैं गर्व महसूस करता हूं और भगवान का शुक्रिया कहता हूं कि उस मैच में हर किसी ने मेरी गेंदबाजी की बात की थी। मैंने अपने देश के लिए उस मैच में सबसे अच्छी गेंदबाजी की थी। मैंने काफी डॉट बॉल्स फेंकी थी। मुझे अभी भी याद है कि उस मैच में मैंने दो चौके दिए थे और कुल मिलाकर 12 रन ही खर्च किए थे।। 
 

 

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