इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने स्वास्थ्य आधार पर मिली छह सप्ताह की जमानत अवधि को और बढ़ाने के लिए उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया है, ‘‘अगर जमानत अवधि नहीं बढ़ाई गई तो इतना नुकसान हो सकता है जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकेगा है।’’याचिका में यह उम्मीद भी जताई गई है कि उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गई समीक्षा याचिका स्वीकार कर ली जाएगी। शरीफ की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि 26 मार्च के न्यायालय के फैसले के लिए एक समीक्षा याचिका दाखिल की गयी है।
याचिका में कहा गया है कि जब तक समीक्षा याचिका पर फैसला नहीं आता उनकी जमानत की अवधि बढ़ाई जाये। अल अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में सजा भुगत रह नवाज शरीफ सात मई तक जमानत पर हैं। तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ अल अजीजिया मामले में उच्चतम न्यायालय के 2017 में दिए गए फैसले पर दिसंबर 2018 से सजा भुगत रहे हैं। एक जबावदेही अदालत ने 24 दिसंबर को पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के नेता को अल अजीजिया स्टील्स मिल्स मामले में दोषी पाया था और सात वर्ष की सजा सुनाई थी। नवाज शरीफ को शीर्ष न्यायालय ने 26 मार्च को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह की जमानत दी थी।
पूर्व प्रधानमंत्री ने 25 अप्रैल को एक समीक्षा याचिका दायर कर उच्चतम न्यायालय से स्थायी जमानत देने का आग्रह किया है। डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार श्री शरीफ ने पिछले सप्ताह एक समीक्षा याचिका के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से अपने इलाज के लिए विदेश जाने के अनुमति मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को श्री शरीफ को इस शर्त के साथ छह सप्ताह के लिए जमानत दी थी कि इस अवधि में वे पाकिस्तान छोड़कर नहीं जाएंगे। मामले की अगली सुनवाई तीन मई को होगी।