नई दिल्ली। उत्तर अमेरिकी देश ब्राजील में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ ने कहर मचा दिया है। इस बाढ़ में अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों लोग बेघर हो गए हैं। कई शहरों में बाढ़ का पानी भर गया है और भूस्खलन शुरू हो गया है। आपदा राहत बचाव दल ने अब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि इस बाढ़ में दर्जनों लोग लापता हो गए हैं। नागरिक सुरक्षा एजेंसी बताया कि बारिश से जुड़ी घटनाओं में 74 लोग घायल भी हुए हैं। वहीं रियो ग्रांडे डो सुल में जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे शहर के बांधों और जल निकासी प्रणालियों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। वहीं आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण शहर पोर्टो एलेग्रे में बारिश और बाढ़ के चलते व्यापार चौपट होने लगा है।
ब्राज़ील की नागरिक सुरक्षा रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, देश में भारी बाढ़ और भूस्खलन के कारण 370 से अधिक लोग लापता हैं। इस बाढ़ ने देश की 281 नगर पालिकाओं को प्रभावित किया है। गुइबा नदी का जल स्तर 5।04 मीटर (16।5 फीट) की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है। जो 4।76 मीटर से काफी ऊपर है जो 1941 की विनाशकारी बाढ़ के बाद से एक रिकॉर्ड के रूप में कायम था।
इस बाढ़ से ब्राजील का दक्षिणी भाग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहा भारी बारिश के चलते आई बाढ़ से भूस्खलन हो रहा है। इसके बाद यहां से 70,000 लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा है, जिसमें पोर्टो एलेग्रे का प्रमुख शहर विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बता दें कि ब्राज़ील में सप्ताह भर हुई भारी बारिश के कारण उरुग्वे और अर्जेंटीना की सीमा साझा करने वाले रियो ग्रांडे डो सुल में बाढ़ आ गई, जिससे एक बांध आंशिक रूप से ढह गया। पनबिजली संयंत्र का एक और बांध दबाव में है और उसके ढहने का खतरा पैदा हो गया है।
वहीं पोर्टो एलेग्रे में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने शहर की गंभीर परिस्थितियों के चलते सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित कर दी हैं। गुआइबा नदी का पानी सड़कों पर आ गया है। जिससे सड़कें जलमग्न हो गईं हैं। रियो ग्रांडे डो सुल के गवर्नर एडुआर्डो लेइट ने कहा कि उनके राज्य - आमतौर पर ब्राजील के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक को आपदा के बाद पुनर्निर्माण के लिए भारी निवेश की "मार्शल योजना" की आवश्यकता होगी।
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि हालात के "बदतर होने की संभावना है", क्योंकि पानी एक अन्य स्थानीय नदी, ग्रेवताई के तटबंध के ऊपर से बढ़ना शुरू हो गया है। लोगों को अपने पानी और खाद्य आपूर्ति को सीमित करने के लिए कहा गया है क्योंकि शहर के छह जल उपचार संयंत्रों में से चार अब बंद हो गए हैं। रिहायशी इलाके पानी में डूब गए, सड़कें नष्ट हो गईं और पुल तेज लहरों में बह गए हैं। बताया जा रहा है कि विस्थापित किए गए लोगों में से एक तिहाई को खेल केंद्रों, स्कूलों और अन्य सुविधाओं केंद्रों में आश्रय लिया है।