चंबल के बीहड़ में दस्यु सुंदरी के नाम से चर्चित रही सीमा परिहार को 30 साल पुराने अपहरण के एक मामले में सजा सुनाई गई। औरैया की कोर्ट ने दोषी मानते हुए सीमा परिहार और उसके साथियों को 4-4 वर्ष की सजा और 5-5 हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। मंगलवार को कोर्ट ने सीमा परिहार सहित 4 आरोपियों को दोषी करार दिया था। चंबल के बीहड़ में तहलका मचाने वाली दस्यु सुंदरी सीमा परिहार पर 30 साल पहले एक युवक के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था। उसी केस में बुधवार को औरैया कोर्ट ने सजा सुनाई।
सजा सुनाने के बाद सीमा परिहार के वकील कुलदीप दुबे का कहना है कि जिस मामले में कोर्ट ने दोष सिद्ध पाया है उस समय सीमा ने कोई अपहरण नही किया था। उनका कहना है कि सीमा परिहार का खुद दस्युओं के द्वारा अपहरण किया गया था। वहीं, सीमा ने आत्मसमर्पण किया था जिसके बाद उनके खिलाफ कोई मामला भी दर्ज नहीं हुआ। उन्होंने कहा वह औरैया कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे और अपील करेंगे।
इस मामले में सरकारी अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 1994 में लाला राम गैंग की सदस्य दस्यु सुंदरी सीमा परिहार और उनके साथियों ने ट्यूबवेल पर सो रहे युवक का अपहरण किया था। पुलिस में अपहरण का मामला दर्ज हुआ था जो न्यायालय में विचाराधीन था। इसमें 9 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। कोर्ट में मामला विचारधीन के समय 9 में से 5 आरोपियों की मौत पूर्व में ही हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बाकी बचे हुए आरोपी जिसमें दस्यु सुंदरी सीमा परिहार समेत चार लोग दोषी पाए गए। उन्हें एडीजे दस्यु प्रभावित सुनील कुमार सिंह द्वारा दोषी पाया गया।
लगभग 3 दशक पूर्व औरैया कोतवाली इटावा जिले में शामिल थी। उस समय औरैया, इटावा और जालौन समेत मध्य प्रदेश के बीहड़ में दस्युओं का आतंक हुआ करता था। इनमे खूंखार दस्यु लालाराम, निर्भय गुर्जर, फूलन देवी समेत दस्युओं का बोल बाला था। 19/20 मार्च 1994 की रात में कोतवाली औरैया के ग्राम गढ़िया बक्शीराम के रहने वाले कृष्ण त्रिपाठी ने पुलिस को तहरीर दी थी। उसने पुलिस को बताया था कि उसका भाई प्रमोद त्रिपाठी ट्यूबवेल पर सो रहा था। रात में दस्यु सुंदरी सीमा परिहार अपने लगभग 10-15 अज्ञात साथियों के साथ आई और उसके भाई का अपहरण करके ले गई। औरैया कोतवाली में अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया।
चंबल के बीहड़ में दस्यु सुंदरी के नाम से आतंक का पर्याय बनी सीमा परिहार का जन्म इटावा के बिठौली थाना इलाके के गांव कालेश्वर की गढ़िया में हुआ था। जब सीमा 13 साल की थी तब उनका दस्यु सरगना लालाराम ने अपहरण कर लिया था। उसके बाद सीमा ने हथियार उठा लिए और वह दस्यु सुंदरी बन गई। बीहड़ में 80 और 90 के दशक में सीमा परिहार का खौफ रहा। सीमा के खिलाफ 70 लोगों की हत्याओं और 150 अपहरण के मुदकमे दर्ज हुए।
करीब 18 साल बीहड़ में गुजारने के बाद सीमा ने सारे अपराधों को त्याग पत्र दे दिया। साल 2003 में सीमा ने पुलिस को समर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण के बाद दस्यु सुंदरी सीमा परिहार ने सामाजिक जीवन शुरू किया। सीमा परिहार एक बार फिर से चर्चा में तब आई जब उन्होंने रियलिटी शो बिग बॉस में हिस्सा लिया।