नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की बजट बैठक के लिए बुलाई गई सदन की विशेष सभा को स्थगित कर दिया गया है। महापौर के आदेश के बाद निगम सचिव ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है। अब यह बैठक शनिवार को होगी। दोपहर दो बजे निगमायुक्त ज्ञानेश भारती वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान और 2024-25 के बजट अनुमान पेश करेंगे। सूत्रों के मुताबिक बजट बैठक स्थगित करने की बड़ी वजह महापौर और निगमायुक्त के बीच चल रही खींचतान है।
महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने बीते दिनों हिंदूराव अस्पताल में पहुंचकर कमियां पाने पर चिकित्सा अधीक्षक को निलंबित करने के आदेश दिए थे लेकिन अभी तक वह ड्यूटी पर बने हुए हैं और निगमायुक्त उन्हें निलंबित करने के पक्ष में नहीं है। महापौर निगमायुक्त को इस मामले में चर्चा के लिए बुला रही थीं लेकिन निगमायुक्त नहीं पहुंचे। अब शनिवार को बजट बैठक होगी तो उसमें देखना होगा कि आगे क्या होगा।
स्थायी समिति का गठन न होने की वजह से सदन की विशेष बैठक शुक्रवार को बुलाई गई थी। दोपहर दो बजे यह बैठक निगम मुख्यालय में होनी थी लेकिन बैठक से ठीक पहले महापौर ने बैठक को स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए। सूत्रों के मुताबिक बजट बैठक के लिए तैयारी पूरी हो गई थी। निगमायुक्त द्वारा तैयार किया गया बजट बहुत ज्यादा विस्तृत नहीं होगा। आम तौर पर बजट 60-70 और 100 पेज तक की पुस्तक में प्रकाशित किया जाता है लेकिन इस बार यह संख्या 20-30 के बीच में ही सीमित रहेगी। निगमायुक्त का जोर दिल्ली में कूड़ा संकलन की प्रक्रिया को तकनीक युक्त करना है। इसके लिए वह बजट में घोषणा कर सकते हैं। अभी तक निगमायुक्त संपत्तिकर की दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव करते रहे हैं लेकिन सदन इन प्रस्तावों को खारिज करता हुआ आया है।
हालांकि वर्ष 2022 में निगम के एकीकरण के बाद नियुक्त हुए विशेष अधिकारी ने जरूर कुछ बढ़त को मंजूरी दे दी थी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली नगर निगम एक्ट के अनुसार 10 दिसंबर से पहले स्थायी समिति में बजट पेश करना जरूरी होता है। चूंकि स्थायी समिति नहीं है इसलिए सदन में यह बजट पेश किया जाएगा। स्थायी समिति का गठन न होने के पीछे महापौर डॉ. शैली ओबेराय मनोनीत सदस्यों को नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले को बताती रहीं हैं।
विशेष बैठक के बाद जनवरी में बजट पर सदन में चर्चा की जाएगी। पहले यह प्रक्रिया वार्ड समिति से लेकर विशेष व तदर्थ समितियों में होती थी। बीते वर्ष निगमायुक्त ने विशेष अधिकारी के सामने निगम चुनाव के नतीजे आने के बाद महापौर चुनाव न होने की वजह से पेश किया था। जिसे सदन में मार्च माह में अंतिम रूप दिया था।