कोलकाता। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में अपराध दर में काफी कमी आई है और मानव तस्करी के मामले 10 गुणा तक कम हो गये हैं। एनसीआरबी ने अपनी इस रिपोर्ट में 2017 में हुए अपराधों का ब्योरा शामिल किया है। रिपोर्ट के अनुसार 2016 में मानव तस्कारी के 3,579 मामले सामने आए थे जबकि 2017 में इसमें बहुत कमी आई और मात्र 357 मामले दर्ज किये गये। राज्य में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की तस्करी के मामले में भी कमी आई है। वर्ष 2016 में 3,113 नाबालिग लड़कियों की तस्करी के मामले सामने आये थे और 2017 में इस तरह के मामले की संख्या घटकर 319 हो गई। अपराध दर में कमी के लिए जागरुकता फैलाने वाले कई कार्यक्रमों का मुख्य योगदान रहा जिनमें सभी स्तरों पर पुलिस की सक्रिय भागीदारी रही।
रिपोर्ट के अनुसार 2017 में लापता बच्चों का पता लगाने के मामले में भी यह राज्य देश में सबसे अधिक सफल रहा। राज्य ने मानव तस्करी रोकने की दिशा में कई कदम उठाये हैं और यही कारण है कि राज्य को इसमें सफलता भी मिली है। वर्ष 2017 में बंगाल में 18 वर्ष से कम उम्र के 11,849 बच्चों को ढूंढ निकाला गया जो पूरे देश में पता लगाये गये बच्चों का 16 प्रतिशत था। महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर नजर डाली जाए तो कोलकाता में 2017 में बलात्कार के 15 मामले और पीछा करने के 53 मामले दर्ज हुए। इसी वर्ष दिल्ली में बलात्कार के 1,170 और पीछा करने के 472 मामले सामने आए।
रिपोर्ट के अनुसार देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,59,849 मामले दर्ज किये गये। एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट के अनुसार देश के शहरों में कोलकाता में अपराध के सबसे कम मामले सामने आए हैं और यह सबसे सुरक्षित शहर बन कर उभरा है। शहर की अपराध दर में पिछले चार वर्षों में काफी कमी आई है। वर्ष 2014 में कोलकाता में अपराध के 26,161 मामले और 2017 में 19,925 मामले सामने आए और इस तरह इन वर्षों में अपराध में 31.3 फीसदी की कमी आई। पश्चिम बंगाल में 2016 के मुकाबले 2017 में हत्या के मामलों में 4.6 फीसदी, अपहरण मामलों में 14.6 फीसदी, लूटपाट-डकैती में 26.2 फीसदी, यौन उत्पीड़न मामलों में 8.8 फीसदी, पति/रिश्तेदारों द्वारा महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न मामलों में 13.7 फीसदी कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा मानव तस्करी जैसे मामलों में राज्य में 10 गुणा की कमी आई है।