जौनपुर। भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ कृष्णलाल ने दावा किया है कि नैनो मेटेरियल के इस्तेमाल से बेअसर हो रही कई तरह की एंटीबायोटिक दवाइयों को असरदार बनाया जा सकता है। वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय के अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शनिवार को शुरू हुयी अल्ट्रासोनिक्स एवं पदार्थ विज्ञान विषयक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुये उन्होने कहा कि नैनो मेटेरियल से कई तरह की दवाइयां निर्मित कर प्रभावकारी बनाई जा सकती हैं । आज बहुत सारी एंटीबायोटिक बेअसर हो रही है। नैनो पदार्थ इन्हें प्रभावकारी बनाने में बड़ी भूमिका अदा करेंगे।
उन्होंने कहा कि एटम इंटीग्रल विधि से क्वांटम मेमोरी को अनंत क्षमता तक बनाया जा सकता है। पदार्थ के संयोजन संरचना अल्ट्रासोनिक विधि से क्वांटम सिद्धांत पर आधारित कई उपकरण भविष्य में बनाए जा सकेंगे। भारतीयों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बच्चों की शिक्षा है इसके कारण ही भारत विकसित देश बनेगा और प्रतिभावान विद्यार्थी पूरी दुनिया में नाम रोशन करेंगे। जार्जिया तकनीकी संस्थान फ्रास के प्रो डॉ निको डिक्लिरिक ने कहा कि अल्ट्रासोनिक के क्षेत्र में भारत में गुणवत्ता युक्त शोध हो रहे हैं यहां के शोधार्थी परिश्रमी है आज गुणवत्तायुक्त शोध की आवश्यकता है। इससे पूरे विश्व में भारत और विश्वविद्यालय की पहचान बनेगी।
अल्ट्रासोनिक्स सोसायटी आफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मभूषण प्रो विक्रम कुमार ने अल्ट्रासोनिक सोसाइटी के विकास पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अल्ट्रासोनिक पदार्थ विकसित कर समुद्र विज्ञान, एयरक्राफ्ट, नैनो तकनीक के क्षेत्र में मानव का भविष्यगत विकास किया जा सकता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो बीके अग्रवाल ने पदार्थ विज्ञान और ऊर्जा के संबंध में अपनी बात रखी और कहा कि मानव जीवन में अल्ट्रासोनिक और मटेरियल साइंस का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।