कोलकाता। नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में पश्चिम बंगाल में सवारी रेलगाड़यिों और सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ से दो दिन तक अस्त-व्यस्त रहने के बाद राज्य में रेल सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। सीएए के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद में सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ के बाद पांच ट्रेन डिब्बों में आग लगाने के साथ ही हावड़ा जिले में कई सरकारी बसों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया था।
पूर्वोत्तर और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने कई लंबी दूरी की यात्री ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों के संकेतक प्रणाली में तोड़फोड के बाद रद्द कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा और सियालदह रेल मंडल में कई स्टेशनों पर संकेतक प्रणाली को भारी नुकसान पहुंचाया है। पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारी निखिल चक्रवर्ती ने प्रदर्शनकारियों से रेलवे की संपत्ति को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की है । उन्होंने कहा कि इसकी वजह से रेल सेवाओं पर असर पड़ता है और जिसका खामियाजा आमजन को उठाना पड़ता है।
रेलवे ने 12 घंटे से अधिक निलंबित रहने के बाद रविवार को हावड़ा-खड़गपुर रेल सेवा फिर बहाल कर दी । प्रदर्शनकारियों के कई स्थानों पर टिकट काउंटर्स को जला देने और प्रमुख रुटों पर संकेतक प्रणाली को नुकसान पहुंचाने से रेल सेवा स्थगित करनी पड़ी थी। हावड़ा-दीघा ताम्रलिप्ता एक्सप्रेस,को-गुवाहाटी गरीब रथ एक्सप्रेस, हावड़ा-मालदा इंटरसिटी एक्सप्रेस, अजीमगंज-हावड़ा एक्सप्रेस, हावड़ा-कटिहार एक्सप्रेस, सियालदह सहरसा हाटेबाजार एक्सप्रेस, हावड़ा-अलीपुरदुआर तीस्ता तोरशा एक्सप्रेस, कोलकाता- राधिकापुर एक्सप्रेस और कामपुर एक्सप्रेस आज रद्द कर दी गयी।
सीएए के विरोध में किए जा रहे प्रदर्शनों से सबसे अधिक प्रभावित सीमा से सटे मुर्शिदाबाद, उत्तरी 24 परगना , मालदा और हावड़ा जिले हैं। नये कानून के विरोध में आज भी राज्य के विभिन्न जिलों से शांतिपूर्ण रैलियों की रिपोर्टें हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी सीएए के विरोध में कल से बड़े स्तर पर विरोध का कार्यक्रम है।