नई दिल्ली/बर्न। कालेधन के लिए सुरक्षित पनाहगार के रूप में मशहूर स्विट्जरलैंड अपनी छवि को सुधारने में लगा हुआ है। स्विट्जरलैंड दो कंपनियों और चार लोगों के बारे में भारतीय एजेंसियों को जानकारी देने के लिए राजी हो गया है। इन कंपनियों और लोगों के खिलाफ भारत में कई जांच चल रही हैं।
दोनों भारतीय कंपनियों में से एक सूचीबद्ध कंपनी है और कई उल्लंघनों के मामले में बाजार नियामक सेबी की निगरानी का सामना कर रही है, जबकि दूसरी कंपनी का तमिलनाडु के कुछ राजनेताओं से संबंध बताया जाता है।
दो कंपनियों सहित छह का खुलासा
स्विस सरकार जियोडेसिक लि.और आधी एंटरप्राइजेज के बारे में प्रशासनिक सहायता देने के लिए तैयार हो गई है। जियोडेसिक के पंकज कुमार, ओंकार श्रीवास्तव, प्रशांत शरद मुलेकर और किरन कुलकर्णी के मामले में विभाग ने सहायता देने पर सहमति जताई है।
कंपनियों का काला था कारोबार
नई प्रौद्योगिकी समाधान उपलब्ध कराने वाली जियोडेसिक की स्थापना 1982 में हुई थी। यह कंपनी अब सूचीबद्ध नहीं है क्योंकि शेयर बाजार ने इनके शेयरों में कारोबार को प्रतिबंधित कर रखा है। कंपनी को सेबी, ईडी व पुलिस जांच का सामना करना पड़ रहा है।