संयुक्त राष्ट्र। शरणार्थियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त कार्यालय के प्रमुख फिलीप्पो ग्रांडी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के राजनेताओं और व्यापारियों से रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद करने का आग्रह किया है।
ग्रांडी ने बुधवार को इंडोनेशिया के बाली में आयोजित सातवें मंत्री स्तरीय सम्मेलन के दौरान 26 देशों के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, मैं आपसे इस बात पर विचार करने का आग्रह करता हूं कि शरणार्थियों की समस्या का समाधान नहीं मिलने तक आपकी सरकारें बंगलादेश के साथ एकजुटता दिखाने की दिशा में क्या समर्थन दे सकती हैं। उल्लेखनीय है कि म्यांमार के राखिन प्रांत में गत वर्ष हुयी हिंसा के बाद से सात लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों ने अलग-अलग देशों में शरण ली हुयी है। ग्रांडी ने कहा, हमें राखिन प्रांत के लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।
बाली सम्मेलन एक ऐसा मंच है जिसमें 48 देशों की सरकारें और चार अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठनों में यूएनएचसीआर, प्रवास के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन तथा मादक पदार्थ एवं अपराध से संबंधित संयुक्त राष्ट्र संगठन भी शामिल हैं। बाली प्रक्रिया की स्थापना तस्करी, मानव तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए की गयी थी। गौरतलब है कि अगस्त 2017 में म्यांमार के राखिन प्रांत में अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ व्यापक पैमाने पर हिंसा के बाद दो लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी बंगलादेश के अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।