भूत भावन भगवान श्री महाकालेश्वर के सेनापति एवं उज्जयिनी के क्षैत्रपाल श्री कालभैरव महाराज की सवारी 20 सितंबर को डोल ग्यारस पर भैरवगढ़ स्थित श्री कालभैरव मंदिर से लाव लश्कर के साथ निकलेगी। सवारी में काल भैरव, बटुक भैरव की झांकी, हाथी, घोड़े, रथ, बैंड एवं अखाड़े सम्मिलित रहेंगे।
पुजारी पं. सदाशिव चतुर्वेदी के अनुसार सवारी से पूर्व पालकी का पूजन कलेक्टर मनीषसिंह द्वारा किया जाएगा। सवारी श्री कालभैरव मंदिर से शाम 4 बजे प्रारंभ होगी जो जेल के मुख्य द्वार से होती हुई भैरवगढ़ क्षेत्र के मुख्य मार्गों से होती हुई श्री सिद्धवट मंदिर पहुंचेगी जहां आरती होगी और पुन: सवारी कालभैरव मंदिर पहुंचेगी।
मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है और विद्युत सज्जा की जा रही है। सवारी निकलने के पूर्व शाही पगड़ी बाबा को अर्पण करेंगे तथा 11 पंडित वेदमंत्रों का उच्चारण करेंगे। बटुक भैरव का जप पूजन होगा तथा बाबा का विशेष श्रृंगार भी किया जाएगा। मंदिर का द्वार सजाया जाएगा। सवारी में भस्म रमैया मंडली झांझ मंजीरे बजाती हुई निकलेगी। सुबह कालभैरव का विशेष पूजन प्रमुख पुरोहितों व अधिकारियों की मौजूदगी में होगा।