दुनियाभर में कैंसर की बीमारी बड़ी तेजी से फैलती जा रही है। हर साल लाखों लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा देते हैं। कैंसर के कई प्रकार हैं और ये शरीर के अलग-अलग अंगों से जुड़े हुए हैं। ऐसा ही है फेफड़ों का कैंसर जिसे लंग कैंसर (lungs cancer) कहा जाता है। दुनियाभर में लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक बनाने के लिए हर साल आज के दिन विश्व लंग कैंसर दिवस मनाया जाता है। तो, इसी के तहत आज हम आपको इस, बीमारी के बारे में विस्तार से बताएंगे। साथ ही इसके लक्षणों और कारणों के बारे में भी जानेंगे।
फेफड़ों में कैंसर क्यों बनता है-
NIH की रिपोर्ट की मानें तो, फेफड़ों के कैंसर के लिए सिगरेट पीना सबसे बड़ा कारण है। यह 10 में से 7 से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार है। दरअसल, तम्बाकू के धुएं में 60 से अधिक विभिन्न विषैले पदार्थ होते हैं, जिन्हें कार्सिनोजेनिक यानी कैंसर पैदा करने वाला माना जाता है। सेकेंडहैंड धुएं के संपर्क में आना जिसे सेकेंडहैंड स्मोकिंग कहते हैं वो भी इस जानलेवा बीमारी का कारण बन सकती है। रेडॉन गैस, एस्बेस्टस और अन्य कार्सिनोजन के संपर्क में आना भी इसका कारण बन सकता है। साथ ही जिन लोगों में फेफड़ों के कैंसर का पारिवारिक इतिहास रहा है, उनमें भी ये बीमारी हो सकती है।
फेफड़ों में कैंसर के लक्षण-
1. बार-बार फेफड़ों का इंफेक्शन होना
फेफड़ों में कैंसर के कुछ शुरुआत लक्षणों में ध्यान देने वाली बात ये होती है कि बार-बार छाती में संक्रमण होता है। जैसे ब्रोंकाइटिस या निमोनिया। इसके अलावा छाती के बीच में लिम्फ नोड्स में सूजन आ सकती है। ऐसे लोग लगातार फेफड़ों से जुड़ी इन समस्याओं के कारण परेशान रहते हैं। तो, इसे हल्के में न लें और अपने डॉक्टर को दिखाएं।
2. आवाज में बदलाव
किसी व्यक्ति की आवाज में बदलाव, जैसे कि कर्कशता भी फेफड़ों में कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे। तो, लिम्फ नोड्स से हमारी वोकल कोड भी जुड़ी रहती है। कैंसर की वजह से ये दोनों प्रभावित होते हैं जिससे आपकी आवाज में बदलाव महसूस हो सकती है।
3. लंबे समय तक रहने वाली खांसी
लंबे समय तक रहने वाली खांसी फेफड़ों में कैंसर का कारण हो सकता है। दरअसल, फेफड़ों के कैंसर होने की वजह से बिना बलगम वाली खांसी शुरू होती है और ऐंठन के साथ आती है। ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको लगातार अपना गला साफ करने की ज़रूरत है। बाद में, आपको खांसी के साथ खून या जंग के रंग का बलगम आना भी शुरू हो सकता है।
4. भूख कम लगना और वजन कम होना
जब शरीर में कोई बीमारी पल रही होती है तो इसका असर दूसरे तंत्रों पर भी होता है। फेफड़ों में कैंसर वाले व्यक्ति को भूख नहीं लगती, शरीर सार न्यूट्रिएंट्स का सही से अवशोषण नहीं कर पाता है और कमजोर होने लगता है। तो, इन तमाम लक्षणों को गंभीरता से लें और डॉक्टर को दिखाएं।