नई दिल्ली। मेडिकल साइंस सच में चमत्कारों की दुनिया है. मौत के मुंह में जाते लोगों को नया जीवन मिल रहा है, अंग विहीन लोगों को नए अंग मिल रहे हैं. ऐसा ही एक कारनामा नई दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने किया है. यहां डॉक्टरों ने बिना हाथ वाले एक युवक को नए हाथ देकर उसके जीवन में नई उमंगों का संचार किया है. डॉक्टरों ने ब्रेड डेड महिला के हाथ काटकर एक युवक को लगाने में कामयाबी पाई है. 45 वर्षीय एक युवक के ट्रेन दुर्घटना में दोनों हाथ कट गए थे. गंगाराम हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने वर्षीय ब्रेन डेड महिला के दोनों हाथ काटकर उस युवक को लगा दिए. और हाथों का यह प्रत्यारोपण पूरी तरह से सफल रहा है. ब्रेन हेमरेज की शिकार महिला के अंगदान से यह संभव हो पाया है. महिला ने आंखों को भी अन्य मरीजों को लगाई जाएंगी. 12 घंटे की लंबी सर्जरी के बाद डॉक्टर नांगलोई के युवक के दोनों हाथ लगाने में कामयाब हुए हैं.
सर गंगाराम अस्पताल के अनुसार, महिला की एक किडनी फोर्टिस गुड़गांव भेजी गई, जहां एक मरीज को वह किडनी लगाई गई है. इसके अलावा महिला के दोनों हाथ, लीवर और कॉर्निया सर गंगाराम अस्पताल अलग-अलग मरीजों को ट्रांसप्लांट की गई हैं. गंगाराम अस्पताल के अध्यक्ष और बीओएम डॉ. अजय स्वरूप ने बताया कि ब्रेन डेड महिला के लिवर, किडनी, दोनों हाथों और कॉर्निया के इन प्रत्यारोपणों को करने के लिए मल्टी-ऑर्गन ट्रांसप्लांट टीम ने 12 घंटे तक काम किया. उन्होंने कहा कि यह उत्तर भारत में पहला दोनों हाथों का प्रत्यारोपण है.
डॉ. अजय स्वरूप ने बताया कि उत्तर भारत में अपनी तरह की पहली सर्जरी थी. सर्जनों की एक टीम ने इस जटिल ऑपरेशन को कड़ी मेहनत के बाद अंजाम दिया. इसमें हड्डियों, धमनियों, नसों, मांसपेशियों, तंत्रिकाओं और त्वचा सहित विभिन्न अंगों को नाजुक ढंग से जोड़ा गया. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की जिस टीम ने इस प्रत्यारोपण को कामयाब बनाया है उनमें प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. महेश मंगल के नेतृत्व में डॉ. एसएस गंभीर, डॉ. अनुभव गुप्ता शामिल थे. बीओएम के सचिव और गंगाराम हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके भल्ला ने कहा कि महिला की किडनी को ऐसे व्यक्ति को लगाया गया है जो पिछले 11 वर्षों से डायलिसिस पर था. यह ऑपरेशन भी कामयाब हुआ है.