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कोरोना का इलाज घर में रहकर किया - 10 दिन में कोरोना को हराया

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 29 2020 12:45AM | Updated Date: Apr 29 2020 12:45AM
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मुंबई। भायखला के रहने वाले एक व्यक्ति ने कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल से सहयोग न मिलने पर घर पर ही रहकर इलाज कर कोरोना को हराया। अंजुम शेख (52) नामक व्यक्ति को घर पर ही रखकर उसके डॉ भाई और उसके दोस्त ने इलाज कर ठीक किया। मनपा से तबियत खराब होने पर एम्बुलेंस की सहायता न मिलने पर अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज के भाई (एक डॉक्टर) को इलाज जारी रखने और आपातकालीन स्थिति में उसे अस्पताल पहुंचाने की बात कही। जिसके बाद अंजुम के भाई डॉ शाहिद शेख ने अपने दोस्त और अन एक अन्य डॉक्टर की सहायता से मरीज अंजुम शेख (52) के सहयोग से घर पर उनका इलाज जारी रखा और कोरोना को हराया।
 
गौरतलब है कि अंजुम एक निर्माण स्थल पर साइट सुपरवाइजर के रूप में काम करते थे। चूंकि लॉकडाउन शुरू हुआ था, वह हाजी अली और नायर अस्पताल के आसपास के फुटपाथों का दौरा कर गरीब लोगों को खाना वितरित करते थे। अंजुम ने बताया कि जब मुझे पता चला है कि मैं कोरोना पॉजिटिव हूं मैं बहुत रोया। मुझे इस बात का पता ही नहीं चला कि कोरोना वायरस मेरे अंदर कहां से आया। उन्होंने कहा कि जब वह घर आए तो उन्होंने सोडियम हाइपोक्लोराइट कीटाणुनाशक पानी में मिलाकर अपने इलाके में इसका छिड़काव किया। उस दौरान मुझे खांसी आ रही थी। मैंने यह सोचकर इसे अनदेखा कर दिया कि यह एलर्जी वाली खांसी हो सकती है, और जल्द ही सांस फूलने लगी। खांसी के लिए मैं अपने बड़े भाई डॉ शाहिद (67) से नियमित दवाइयां और एंटीबायोटिक्स लेता हूं।
 
अंजुम ने कहा कि शुरू में सूखी खांसी के कारण मैं रात को सो नहीं पाया। तबियत अधिक खराब हो गई और छाती का एक्स-रे करवाने का निर्णय लिया गया। इसमें निमोनिया पाया गया। डॉ शाहिद शेख ने कहा बताया कि जब अंजुम पर मेरे इलाज का कोई असर नहीं दिखा और उसके एक्स-रे में निमोनिया के पैच दिखाई दिए और उसकी सांस में तकलीफ बढ़ गई, तो मैंने ग्रांट मेडिकल कॉलेज के डॉ वकार शेख ( वरिष्ठ अस्थमा और एलर्जी विशेषज्ञ )अपने सहपाठी से संपर्क किया। उन्होंने एंटीबायोटिक्स और ऑक्सीजन थेरेपी शुरू की। 
 
11 अप्रैल को अंजुम की कोरोना जांच पॉजिटिव आई। जिसके बाद उनकी पत्नी और बच्चों का भी परीक्षण किया गया। और उन्हें क्वारनटाइन किया गया। उसके बाद मनपा को अंजुम को कोरोना अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए एक एम्बुलेंस भेजना था। पर एम्बुलेंस नहीं आई। और जिन डॉक्टरों ने हमसे फोन पर संपर्क किया था, उन्होंने हमें इलाज जारी रखने और किसी भी आपात स्थिति में उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए कहा। जिसके बाद अंजुम को घर पर ही ऑक्सीजन थेरेपी दी गई।
 
डॉ वकार शेख ने बताया कि हमने अंजुम का तेजी इलाज शुरू किया। इसके तहत तीन अलग-अलग ब्रोन्कोडायलेटर्स और स्टेरॉयड-आधारित इनहेलर और दो उच्च एंटीबायोटिक दवाइयां 10 दिनों के लिए दी और। उसके बाद उनकी छाती का एक्स-रे कराया गया तो निमोनिया नहीं पाया गया। 15 अप्रैल को कोरोना जांच नेगेटिव आई। इस सप्ताह उनकी फिर जांच की जाएगी।
 
डॉ शाहिद ने बताया कि उपचार के बाद अंजुम की ऑक्सीजन थेरेपी और दवाएं बंद हैं। निमोनिया के पैच गायब हो गए हैं। और कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि वह 10 दिन के उपचार के बाद ठीक हो गए हैं। इलाज के बाद अंजुम ने जब तक कोरोना वायरस पूरी तरह से नियंत्रण में न आ जाए किसी भी सामाजिक कार्य को फिलहाल न करने का फैसला किया है। लोगों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा है कि,घर पर रहें, स्वच्छता बनाए रखें, गर्म पानी पीएं, सामाजिक दूरी बनाए रखें और अगर आपको बाहर निकलना है तो सुरक्षा मास्क पहनें, वरना आप संक्रमित होकर घर लौटेंगे और अपने परिवार में वायरस फैलाएंगे।
 
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