पाकिस्तान में आम चुनाव पर दुनिया की नजर है। कल राजनीतिक हिंसा और आतंक के साए में चुनाव हुए। इस चुनाव के परिणाम में काफी देरी की जा रही है। मोबाइल इंटरनेट सेवा सस्पेंड होने पर पाकिस्तान में बवाल मचा हुआ है। नवाज की पार्टी को छोड़कर सभी पार्टियों ने मोबाइल सेवा ठप किए जाने पर सवाल उठाए हैं। यहां तक कि अमेरिका ने भी पाकिस्तान चुनाव में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन की निंदा की है। इसी बीच सवाल यह उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान में चुनाव परिणाम में अनावश्यक देरी इस कारण तो नहीं है कि चुनाव के नतीजों को पलटा जा सके? इमरान समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कई सीटों पर आगे चल रहे, लेकिन अब नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल—एन भी तेजी से बढ़त बनाती दिख रही है।
ताजा रुझानों में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के उम्मीदवार बड़ी बढ़त बनाते हुए दिख रहे हैं। हालांकि, पीटीआई उम्मीदवार इस बाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इमरान की पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग जानबूझकर वोटों की गिनती में देरी कर रही है, ताकि धांधली की जा सके। उधर, नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन भी तेजी से बढ़त बना रही है। माना जा रहा है कि आज शाम तक पाकिस्तान में सबसे बड़ी पार्टी और अगले प्रधानमंत्री को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।
पीटीआई समर्थित निर्दलीय (इमरान खान की पार्टी) को 7,पीएमएल-एन (नवाज शरीफ की पार्टी) को 12, पीपीपी (बिलावल भुट्टो की पार्टी) को 6 सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित लग रही है। वहीं जेयूआई-एफ (मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी) और अन्य को एक भी सीटों पर न तो बढ़त मिली है, न ही जीत मिली है।
शहबाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम शरीफ अपनी-अपनी सीटों से चुनाव जीत चुके हैं. शहबाज शरीफ ने लाहौर की PP-158 सीट से जीत दर्ज की है तो वहीं मरियम नवाज ने लाहौर PP-159 सीट से जीत दर्ज की है। स्थानीय मीडिया के अनुसार प्रधानमंत्री पद के सबसे तगड़े उम्मीदवार नवाज शरीफ मनसेहरा सीट से चुनाव हार गए हैं। निर्दलीय उम्मीदवार शहजादा गस्तासाप ने उन्हें करारी शिकस्त दी। शहजादा गस्तासाप को 74,713 वोट मिले, जबकि नवाज को 63,054 वोट से संतोष करना पड़ा।
पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो-जरदारी को आम चुनाव में बड़ी जीत मिली है। बिलावल तकरीबन 1 लाख वोटों से अपनी सीट जीते हैं।जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने आम चुनाव में जीत का दावा किया है। पार्टी ने इसी के साथ आरोप लगाया कि नतीजों में गड़बड़ी करने के लिए नतीजों में देरी की जा रही है।