वॉशिंगटन। अमेरिका ने लोकतंत्र पर 9 से 10 दिसंबर तक होने वाली वर्चुअल समिट में 110 देशों को आमंत्रित किया। सबसे बड़ी बात यह है कि इस समिट में भारत को निमंत्रण भेजा गया है लेकिन चीन को इसमें शामिल नहीं किया गया है। इस बैठक में चीन के धुर विरोधी ताइवान को बैठक में बुलाया गया है। माना जा रहा है कि इससे अमेरिका और चीन के बीच विरोध और बढ़ सकता है। गौर करने वाली बात यह है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से लो लिस्ट जारी की गई है उसमें तुर्की को भी शामिल नहीं किया गया है। तुर्की अमेरिका के नाटो संगठन का सदस्य भी है। बैठक में भारत के अलावा पाकिस्तान को शामिल किया गया है लेकिन बांग्लादेश, श्रीलंका और अफगानिस्तान को इसमें जगह नहीं दी गई है।
दो दिन तक होने वाली बैठक में मिडिल ईस्ट के देशों को भी आमंत्रित किया गया है। बैठक में इराक और इजराजय तो जगह दी गई है जबकि ईरान को इससे बाहर रखा गया है। दूसरी तरफ अरब देशों से सऊदी अरब, जॉर्डन, कतर और यूएई को भी सूची में शामिल नहीं किया है। यूरोप से भी अमेरिका ने कई देशों को छोड़ा है। यहां से हंगरी को आमंत्रण नहीं मिला है, जबकि पोलैंड को शामिल किया गया है। अफ्रीकी देशों की बात करें को इसमें नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, कॉन्हो और नाइजर आदि देशों को जगह दी गई है। दूसरी तरफ बैठक में भारत को आमंत्रित करने और चीन को शामिल ना करने को लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। माना जा रहा है इससे अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते खराब हो सकते हैं।