काबुलः युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से अमेरिकी व नाटो सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान आतंकियों द्वारा हिंसक हमले व नरसंहार तेज हो गया है। लेकिन इस बीच अफगान सुरक्षा बल भी हौंसला बनाए हुए हैं और लगातार तालिबान से लोहा ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों (ANDSF) ने अफगान वायुसेना (AAF) के साथ एक संयुक्त अभियान में पिछले 24 घंटों में 400 से अधिक तालिबान आतंकवादियों का सफाया कर। अफगान सेना 31 जुलाई 2021 से तालिबान के ठिकानों पर लगातार हमले कर रही है, जिससे दर्जनों आतंकी मारे गए हैं। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर गोला-बारूद को नष्ट किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफगान रक्षा मंत्रालय (MoD) ने पुष्टि की है कि इस ऑपरेशन में कुल 455 आतंकवादी मारे गए जबकि 232 अन्य घायल हुए हैं। मंत्रालय के अनुसार, सैनिकों ने नंगरहार, पक्तिया, पक्तिका, लोगर, कंधार, हेरात, फरयाब, जोवजान, बल्ख, समांगन, हेलमंद, तखर, कुंदुज, और बगलान और कपिसा प्रांतों में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। इससे पहले, मंत्रालय ने ज़ेराई में किए गए हवाई हमले का एक वीडियो साझा किया था। 6 सेकंड के इस वीडियो में मिसाइल से आतंकवादी शिविरों को उड़ते हुए देखा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि एक वर्चुअल कैबिनेट बैठक को संबोधित करते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि हिंसा से जूझ रहे देश की स्थिति में अगले 6 महीनों के भीतर बदलाव दिखाई देगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि शहरों की सुरक्षा उनकी सरकार की प्राथमिकता है। तालिबान पिछले दो दशकों में 'अधिक क्रूर और अधिक दमनकारी' हो गया है। गनी ने कहा, 'उन्हें शांति, समृद्धि या प्रगति की कोई ख्वाहिश नहीं है। हम शांति चाहते हैं लेकिन वे आत्मसमर्पण चाहते हैं। वे तब तक सार्थक बातचीत नहीं करेंगे जब तक कि युद्ध के मैदान में स्थिति नहीं बदल जाती। इसलिए, हमें एक साफ रूख अपनाना होगा। इसके लिए तालिबान के खिलाफ पूरे देश को एक साथ आना होगा।'
गौरतलब है कि हाल ही में अफगानिस्तान के मध्य प्रांत गजनी में मलिस्तान जिले पर हमले के बाद तालिबान ने 43 नागरिकों और सुरक्षा बल के सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। गजनी की एक नागरिक समाज कार्यकर्ता मीना नादेरी ने रविवार (जुलाई 25, 2021) को काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि तालिबान आतंकियों ने मलिस्तान जिले में प्रवेश करने के बाद युद्ध अपराध किए और उन नागरिकों को मार डाला, जो लड़ाई में शामिल नहीं थे।