उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्पेशल कोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी। सोमवार को फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को जमानत दे दी है। इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने उनके ऊपर लगे 5 लाख रुपये के जुर्माने पर भी रोक लगाई है। बता दें कि हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 20 सितंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
दरअसल गाजीपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने मुख्तार को इसी साल अप्रैल में गैंगस्टर मामले में दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। निचली अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद मुख्तार अंसारी ने हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस को सुनने के बाद 20 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने मुख्तार की सजा पर रोक नहीं लगाई है लेकिन फिलहाल उन्हें जमानत दे दी है।
वकील ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि मुख्तार को जितनी सजा सुनाई गई है वह उससे ज्यादा समय से बतौर बंदी जेल में हैं। मुख्तार पिछले 12 साल 4 महीने से जेल में हैं। इस मामले में मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को भी 4 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि वह पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं।
बता दें कि मुख्तार और उनके भाई पर चल रहा यह गैंगस्टर मामला कृष्णानंद राय से जुड़ा है। दरअसल गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद विधानसभा से 2002 में अफजाल ने चुनाव लड़ा था और हार गया था। इस सियासी हार के बाद कृष्णानंद समेत उनके खेमे के कई लोगों की हत्या की गई थी। जिसमें ज्यादातर मामलों में मुख्तार को नामजद किया गया था।