झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बुंनिवि) के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने बलात्कार की घटनाओं के विरोध में ‘‘ स्टैंड अगेंस्ट रेप’’ अभियान चलाने का निर्णय लिया है। वे इसके तहत युवाओं को कानूनों की जानकारी और युवतियों को आत्मरक्षा के तौर तरीके बताकर जागरूक करेंगे ताकि युवतियों और महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। विश्वविद्यालय परिसर में जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान में मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में उपस्थित सभी युवाओं का आभान किया गया कि वे मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से सकारात्मक काम करें। कार्यक्रम में संस्थान के समन्वयक डा. कौशल त्रिपाठी ने कहा कि देश के युवाओं को आत्म अनुशासन का पाठ विश्व के सबसे प्राचीनतम ग्रंथ गीता और संविधान के विविध प्रावधानों के आलोक में सीखना होगा। हम आत्म नियंत्रण से ही समाज को सही माहौल दे सकते हैं।
हमें स्वयं और आसपास के वातावरण को ऐसा बनाना होगा कि कोई किसी के अधिकार का अतिक्रमण न करे। इसके लिए हमें अपने मौलिक कर्तव्यों का समुचित ढंग से पालन करना होगा। इससे पहले शिक्षक उमेश शुक्ल ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि इंसानी अधिकारों को पहचान देने और उसके हक की लड़ाई को ताकत देने के लिए हर साल 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। पूरी दुनिया में मानवता के खिलाफ हो रहे जुल्म रोकने और उसके खिलाफ आवाज उठाने में इस दिवस की महत्वूपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि हर इंसान को जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार है। भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है। भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानवाधिकार कानून अमल में आया और 12 अक्टूबर, 1993 में सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया।
10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र असेंबली ने विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर पहली बार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस की घोषणा की थी। इस साल को थीम इयर आफ द इनडीजीनियस लैंग्वेजेज घोषित किया गया है। विधि संस्थान के विद्यार्थी असेंद्र सिंह यादव ने कहा कि मानव अधिकार वह मानदंड हैं जो मानव व्यवहार के मानकों को स्पष्ट करते हैं। एक इंसान होने के नाते ये वो मौलिक अधिकार हैं जिनका प्रत्येक व्यक्ति स्वाभाविक रूप से हकदार है। ये अधिकार कानून द्वारा संरक्षित हैं। हम जागरूकता का विस्तार करके ही सबके अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं। यादव ने स्टैंड अगेंस्ट रेप अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत कर युवाओं से सक्रिय सहयोग का आभान किया। उन्होंने युवाओं से छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोकथाम के बारे में सुझाव भी मांगे। शिक्षक राघवेंद्र दीक्षित ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के पास अपना स्वतंत्र जीवन जीने का जन्म सिद्ध अधिकार है। उसे निष्पक्ष न्यायालय में निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है। इसमें उचित समय के भीतर सुनवाई, जन सुनवाई और वकील के प्रबंध आदि के अधिकार शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न घटनाओं का उल्लेख करते हुए युवाओं से जनजागरण के कार्य में जुटने का आभान किया। उन्होंने कहा कि जागरूकता के बगैर समाज को अपराध से मुक्त करना संभव नहीं है। कार्यक्रम में शारीरिक शिक्षा विभाग के विद्यार्थी अचल सिंह यादव ने युवाओं को आत्मरक्षा के तौर तरीके भी बताए। कार्यक्रम में विभाग के पूर्व प्रमुख डा. सीपी पैन्यूली, जय सिंह, डा. उमेश कुमार समेत सभी शिक्षक उपस्थित रहे।