मुंबई। दुनिया में कोरोना के नये स्वरूप ओमीक्रॉन के तेजी से पांव पसारने की चुनौतियों के बावजूद नये साल के पहले सप्ताह का ढाई प्रतिशत से अधिक के उछाल के साथ स्वागत कर चुके शेयर बाजार पर अगले सप्ताह कंपनियों के तिमाही परिणाम, खुदरा महंगाई और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों का असर रहेगा। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1490.83 यानी 2.56 प्रतिशत की छलांग लगाकर 59744.65 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 458.65 अंक अर्थात 2.64 प्रतिशत की उछाल लेकर 17812.70 अंक पर पहुंच गया। दिग्गज कंपनियों की तरह सप्ताहांत पर छाेटी और मझौली कंपनियां भी तेजी पर रहीं। बीएसई का मिडकैप 2.01 प्रतिशत चढ़कर 25472.83 अंक और स्मॉलकैप 1.95 प्रतिशत मजबूत होकर 30032.14 अंक पर रहा। आलोच्य सप्ताह शेयर बाजार चार दिन तेजी के साथ बंद हुआ।
वहीं अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के संकेत से हतोत्साहित निवेशकों की बिकवाली के कारण वैश्विक स्तर पर आई गिरावट के दबाव में गुरुवार को सेंसेक्स 621 अंक और निफ्टी 179 अंक टूट गया। विश्लेषकों के अनुसार, कोविड के मामलों में तेज वृद्धि, अमेरिकी फेड रिजर्व के नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के संकेत और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि जैसी चुनौतियों के बावजूद 2022 में शेयर बाजार ने शानदार शुरुआत की है। अगले सप्ताह सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (आईटी) की दिग्गज कंपनियों इंफोसिस, विप्रो, टीसीएस और एचसीएल टेक के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं। एचसीएल टेक के आंकड़े जहां 14 जनवरी को वहीं अन्य तीन के 12 जनवरी को जारी होंगे। उनका कहना है कि आईआईपी और खुदरा महंगाई के आंकड़े 12 जनवरी और थोक महंगाई के आंकड़ोें की घोषणा 14 जनवरी को की जाएगी। अगले सप्ताह इन सभी आंकड़ों का बाजार पर असर रहेगा। दुनिया भर में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन बाजार के लिए सकारात्मक तथ्य यह है कि संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर बहुत कम है। बाजार की तीसरी लहर पर नजर बनी रहेगी।