मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों BSE और NSE ने सूचीबद्ध कंपनियों के इंसाल्वेंसी मामलों में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत ऐसे मामले में निवेशकों को आगाह किया जाएगा और कंपनी से जुड़ी सभी जानकारियां उन्हें उपलब्ध कराई जाएंगी। दोनों शेयर बाजारों ने अपने बयान में कहा, 'हाल में देखा गया है कि दिवालिया मामलों में कंपनियों की डीलिस्टिंग या मौजूदा इक्विटी शेयरों के राइट ऑफ/कैंसिलेशन के मामलों में मौजूदा शेयरधारकों का ध्यान नहीं रखा जाता है। एनसीएलटी द्वारा आदेश सुनाए जाने और लिखित में आदेश आने के बीच कुछ समय का अंतर रहता है। इस दौरान कंपनियां जानकारी को दबाए रहती हैं और कुछ सीमित लोगों को ही जानकारी मिल पाती है, जिससे बाजार में अनिश्चितता का माहौल बनता है।
नए दिशानिर्देशों के तहत फैसला सुनाए जाने के 30 मिनट के भीतर उसे शेयर बाजारों को देना होगा, जिसे एक्सचेंज की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। इसमें निवेशकों के हित में कई अन्य प्रविधान भी किए गए हैं। इसी बीच सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। शुक्रवार को बीएसई का सेंसेक्स 182.75 अंक गिरकर 52,386.19 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी भी 15,700 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे चला गया। निफ्टी 38.10 अंक की नरमी के साथ 15,689.80 पर बंद हुआ। गुरुवार को सेंसेक्स में 486 और निफ्टी में 152 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी।
करीब दो फीसद की गिरावट के साथ बजाज ऑटो सेंसेक्स की टॉप लूजर कंपनी रही। टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और टेक महिंद्रा के शेयरों में भी गिरावट देखी गई। दूसरी ओर, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल और एनटीपीसी के शेयर बढ़त में रहे। रिलायंस सिक्युरिटीज के स्ट्रेटजी हेड बिनोद मोदी ने कहा कि फाइनेंशियल स्टॉक्स में लगातार मुनाफावसूली से घरेलू शेयर बाजारों में नरमी का रुख बना है। उन्होंने कहा कि मेटल, फार्मा और रियल्टी इंडेक्स में तेजी आई, जबकि टीसीएस के अनुमान से कमजोर तिमाही नतीजे के कारण आइटी इंडेक्स नरम रहा।