देश के कई राज्यों में इनदिनों कुदरत का देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड से लेकर केरल तक कई राज्यों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। जिनमें सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को बादल फटने की घटना के बाद आई बाढ़ में अब तक 53 लोग लापता हो चुके हैं। जबकि 6 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के अलावा कुल्लू और मंडी में शुक्रवार को बादल फट गया। जिससे इलाके में सैलाब आ गया। इस सैलाब में शनिवार तक 53 लोग लापता हो गए। जबकि 6 लोगों के शव अब तक बरामद किए जा चुके हैं। डीडीएमए के विशेष सचिव डीसी राणा के मुताबिक, बाढ़ से 60 से ज्यादा घर बह गए है और इससे कई गांव गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि, "शिमला जिले के समेज, रामपुर, कुल्लू के बागीपुल और मंडी के पद्दार इलाके में बादल फटने से भारी तबाही मची है।"
गौरतलब है कि 31 जुलाई और 1 अगस्त की रात इलाके में बादल फटने की घटना हुई। इसके बाद शुक्रवार से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें फंसे हुए और लापता लोगों को निकालने में लगी हुई हैं। वहीं बादल फटने से आई बाढ़ में रामपुर और समेज इलाके को जोड़ने वाली सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपातकालीन केंद्र ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मंडी में सबसे ज्यादा पांच लोगों की मौत हुई है। जबकि कुल्लू में एक व्यक्ति मारा गया है। हालांकि शिमला में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि शिमला में अब तक सबसे अधिक 33 लोगों के लापता होने की जानकारी मिली है। जबकि कुल्लू में नौ और मंडी में छह लोग अभी भी लापता हैं। वहीं रेस्क्यू टीम ने 55 लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया है। जबकि 25 लोगों के अभी भी फंसे होने की सूचना है। रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ में 61 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि 42 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए है। बादल फटने से सबसे अधिक नुकसान कुल्लू जिले में हुआ है।