गुरुग्राम। किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसान आंदोलन में भाग न लेने के लिये राज्य के किसानों का आभार जताया और कहा कि यह आंदोलन मुख्य रूप से पंजाब के राजनीतिक दल तथा वहां के कुछ संगठनों द्वारा प्रायोजित है।
खट्टर गुरूग्राम में जिला लोक संपर्क एवं लोक निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करने आए थे। इस बैठक के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा ‘मैंने आंदोलन को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से तीन दिन में कई बार बातचीत करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने बातचीत नहीं की।
हमने कई बार फोन मिलाया लेकिन हर बार उनके स्टाफ से यही कहा जाता रहा कि अब कराते हैं, थोड़ी देर में कराते हैं। ऐसी अजीबो गरीब स्थिति पहली बार हुई है जब एक मुख्यमंत्री दूसरे मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश कर रहा है और बात नहीं करवाई जा रही। उनके अनुसार पिछले छह साल में ऐसा पहली बार हुआ है अन्यथा पहले जब भी हम फोन करते तो व्यस्तता होने पर घंटे आध घंटे में बातचीत हो जाती थी। यह तो पंजाब के मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं कि उन्होंने बातचीत क्यों नहीं की।
उन्होंने कहा कि किसान के नाम पर जो राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम किया जा रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है और निंदनीय भी है। किसान आंदोलन के पीछे पंजाब सरकार की साजिश के बारे में उन्होंने कहा कि बिल्कुल ऐसा लगता है क्योंकि उनके आफिस के कार्डहोल्डर आंदोलन में आगे-आगे चल रहे थे, किसानों का नेतृत्व कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस किसान आंदोलन में हरियाणा के किसानों ने हिस्सा नही लिया जिसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं। पुलिस की कार्यशैली की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ने भी इस दौरान पूरे संयम से काम लिया और कही भी बल प्रयोग नही किया, केवल उन्हें रोकने का काम किया क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में दिल्ली में जाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने पंजाब के किसानों से भी अपील की है कि उनके प्रतिनिधि इस मामले में केन्द्र सरकार से बात करें क्योंकि बातचीत ही इसका समाधान है।