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भाजपा सरकार कोरोना संक्रमण पर नही लगा पा रही है अंकुश : अखिलेश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 7 2020 12:16AM | Updated Date: Aug 7 2020 12:17AM
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी सरकार पर कोरोना संक्रमण के फैलने से रोकने में अंकुश ना लगा पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं स्वयं बुरी तरह बीमार हो गयी हैं। यादव ने गुरूवार को यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में असफल साबित हुई है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह बीमार है। स्थिति इतनी गम्भीर है कि सत्तारूढ़ दल के ही एक दर्जन मंत्री एवं विधायक कोविड-19 की चपेट में हैं। एक कैबिनेट मंत्री की दु:खद मृत्यु हो चुकी है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने साढ़े तीन वर्ष में  एक भी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध नही करायी है। राज्य में जो भी मेडिकल कॉलेज हैं, वे सभी समाजवादी सरकार में बने थे। भाजपा सरकार ने एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं बनाया। कोविड-19 के इलाज की उचित व्यवस्था तक नहीं है। इससे लोगों में भय व्याप्त है और मनोवैज्ञानिक रूप से वे हताशा के शिकार हो रहे हैं। लगातार पांच महीनों से तमाम प्रतिबंधों में रहते हुए परिवार परेशान हो रहे हैं। सैकड़ों आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं। बच्चों के स्कूल-कॉलेज भी बंद चल रहे हैं। भाजपा सरकार के तमाम दिशा निर्देशों का पालन भी धीरे-धीरे घटता जा रहा है।

यादव ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को ओपीडी में इलाज मिलना मुश्किल हो गया है। यहां तक कि गम्भीर मरीज भी इलाज के लिए घंटों तड़पते रहते हैं। कोरोना जांच की व्यवस्था भी चरमराई हुई है। भूख-प्यास, उपचार और स्वच्छता से रिक्त उत्तर प्रदेश कोविड-19 व्यवस्था मरीजों को और ज्यादा बीमार कर रही है। व्यवस्था में लगे लोग भी उसकी चपेट में आ रहे है। कोरोना वारियर्स भी अब सरकारी उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। जब उन्हें ही घटिया खाना दिया जाएगा, सही इलाज और देखरेख नहीं होगी तो उनका मनोबल घटना तय है। जनसामान्य तो वैसे भी रामभरोसे रहने को विवश है। उन्होंने कहा कि  गोरखपुर में स्वास्थ्यकर्मियों को भोजन नहीं मिलने और बरेली में सैनिटाइजर खरीद में भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं। 

बदायूं में क्वारंटीन सेंटर पर मरीज भूख से तड़प रहे हैं। कानपुर में संक्रमित लोगों की तादाद बढ़ी है लेकिन प्रशासन निष्क्रिय है। फतेहपुर में चारपाई पर एम्बूलेंस सेवा का दर्दनाक दृश्य दिखा है। राज्य में एम्बूलेंस तक का अकाल पड़ गया है। यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री की दिक्कत यह है कि उनके बयान तो बहुत दिखते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर उनका कहीं पालन होते नहीं दिखाई देता है। लखनऊ के तेलीबाग क्षेत्रवासी एक आयुष डाक्टर की कोराना से मौत के 17 घंटे बाद भी शव वाहन नहीं मिला। केसरीखेड़ा के विक्रमनगर निवासी 36 साल के युवक की मदद की गुहार के 24 घंटे बाद पहुंची एम्बूलेंस। उन्होंने कहा कि आज की बदहाली के लिए भाजपा सरकार स्वयं जिम्मेदार है। सरकार का ध्यान बीमारी से निबटने में नहीं है। सरकार की प्राथमिकता में कोरोना से बचाव होना चाहिए। क्या कारण है कि उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में बीमारी से लोग प्रभावित हो रहे हैं। यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार किए थे। 

मरीजों के इलाज के लिए 108 और 102 नम्बर एम्बूलेंस सेवाएं, एक रूपए के पर्चे पर इलाज और सभी जांचे मुफ्त तथा गम्भीर रोगों कैंसर, किडनी, दिल और लीवर के भी मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई थी। भाजपा ने इन सभी व्यवस्थाओं को चैपट कर दिया है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की तरह कोरोना बीमारी भी पूरी तरह से अराजक हो चली है। सरकार ने अपनी हठधर्मी से विपक्ष की उचित सलाह भी नहीं मानी। भाजपा सरकार अपनी अदूरदर्शिता तथा गलत नीतियों के चलते स्थिति को सुधारने के बजाय और ज्यादा बिगाड़ने में तुली है। मुख्यमंत्री अपने संवैधानिक दायित्व के निर्वहन से विरत क्यों हैं, जनता इसका जवाब चाहती है।

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