भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इतिहास में पहली बार ग्रामीणों को ‘स्वामित्व योजना’ में आबादी भूमि का मालिकाना हक मिलेगा। इस योजना के प्रथम वर्ष में प्रदेश के 10 जिलों का चयन किया गया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार चौहान ने कहा है कि अभी तक भारत में ग्रामीण क्षेत्र में आबादी की भूमियों का सर्वेक्षण और अभिलेख का कार्य नहीं किया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी आवासीय सम्पत्ति होने पर भी वे ग्रामीणों की आड़े वक्त पर काम नहीं आ पाती थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण भारत की इस समस्या को समझा तथा इतिहास में पहली बार ग्रामीणों को उनकी आबादी भूमि का मालिकाना हक देने के लिये ‘स्वामित्व योजना’ प्रारंभ की है। इस योजना के प्रथम वर्ष में प्रदेश के 10 जिलों का चयन किया गया है। शेष जिले अगले वर्ष लिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत ग्रामीण आबादी क्षेत्र का सर्वे किया जाकर अधिकार अभिलेख तैयार किये जायेंगे।
ग्रामीण जनता को उनके भूखण्ड पर मालिकाना हक प्रदान किये जाने के प्रमाण स्वरूप उन्हें स्वामित्व अभिलेख प्रदाय किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के लिये यह योजना वरदान बनेगी। ग्रामवासियों को आबादी भूमि का मालिकाना हक मिलने से उन्हें सम्पत्तियों पर बैंक से ऋण लेना भी संभव होगा। पंचायतों को भी इस योजना से आय साधन बढ़ेंगे।