झांसी। नौतपा के बीच बुंदेलखंड में इन दिनों सूर्यदेव आसमान से आग बरसा रहे हैं और दिन में पारा 46 के पार चला जा रहा है इस कारण लोग घरों में ही रहने को मजबूर हैं। यहां सूरज सुबह से ही आग बरसाना शुरू कर देता है इस कारण सवेरे चलने वाली हवा भी बेहद गर्म होती है और दोपहर तक तो झुलसा देने वाली लू का प्रसार हो जाता है जिसने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। कोरोना खतरे के बीच जारी लॉकडाउन में पहले ही लोग कम ही बाहर निकल रहे हैं लेकिन नौ तपा शुरू होने के बाद तो आसमान से आफत बरस रही है जिसकी तपिश देर रात तक बुंदेलखंडवासियों को हलकान करें रहतीं हैं। दिन में तापमान इतना अधिक हो जाता है कि सूरज ढलने के बाद यहां तक कि देर रात तक गर्म हवाओं के थपेड़े चैन नहीं लेने देते।
इस झुलसा देने वाले गर्मी से सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए परेशानियां हैं लेकिन बच्चों और बूढों साथ ही सांस के मरीजों के साथ अत्यधिक तापमान के कारण ज्यादा सावधानी बरतने की दरकार है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ओम प्रकाश चौरसिया ने बताया कि इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप है ऐसे में सभी को डिहाईड्रेशन, हीट स्ट्रोक, डायरिया जैसी दिक्कतों की आशंका बनी रहती है और बच्चों को यह खतरा सबसे ज्यादा होता है इसलिए इनके साथ विशेष सावधानी रखना जरूरी है। बेहद जरूरी होने पर ही बच्चों को घर से बाहर निकालें और जब बाहर निकालें तो पूरी तरह ढक कर रखें विशेष रूप से सिर को। जिन बच्चों को बुखार में दौरे आते हैं उनमें तेज गर्मी में इसकी आशंका और बढ़ जाती है।
इस समय खानपान इस तरह का हो कि शरीर में पानी की कमी नहीं होने पाये। मौसमी फलों और सब्जियों जैसे खीरा,ककड़ी, खरबूज और तरबूज की सेवन पर्याप्त मात्रा में करें। हमेशा ताजा खाना ही खायें, बासी खाने से पूरी तरह परहेज करें। ऐसे मौसम में बच्चों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। चेस्ट फिजीशियन डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि ऐसे मौसम में सबसे जरूरी है कि घरों से बाहर नहीं निकला जाए। बेहद जरूरी होने पर ही ऐसा करें और अगर मजबूरी में बाहर निकलना है तो खाली पेट न निकलें। हमेशा पेट भरा हो और पानी भी अच्छी मात्रा में पिया हो। बाहर निकलें तो पानी साथ लेकर निकलें । यह इसलिए जरूरी है कि लू नहीं लगे और हीट स्ट्रोक के हम शिकार न हों। बाहर के खाने से पूरी तरह से परहेज करें और घर का भी ताजा खाना खायें। ताजे फलों का सेवन करें और पानी भरपूर मात्रा में पियें।