भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय से सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता विक्रय वर्ष 2018 की बोनस राशि कुल 184 करोड़ रूपए के भुगतान का प्रारंभ किया। चौहान ने प्रदेश के कुछ तेंदूपत्ता संग्राहकों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आदि उपस्थित थे। आज पूर्व मंडला वन मंडल की 11 समितियों को 12.82 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया।
शेष सभी संग्राहकों को समितियों के माध्यम से शीघ्र राशि प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आदिवासियों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न वनोपजों का मूल्य 19 से 53 प्रतिशत बढ़ा दिया है, जिससे उन्हें संकट की इस घड़ी में कुछ राहत मिल सके। सरकार लघु वनोपज संघ के माध्यम से समर्थन मूल्य पर इनका संग्रहण कर रही है। इसके अलावा सभी क्षेत्रों में मनरेगा के कार्य भी बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे हैं। सभी को कार्य दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि महुआ फूल का न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने के बाद हमने व्यापारियों एवं लघु उपज संघ द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं उससे अधिक दर पर लगभग 1 लाख 25 हजर क्विंटल महुआ फूल क्रय कर लिया है, जिससे सीजन समाप्त होने पर 50 करोड़ रूपये से अधिक की आमदनी आप सभी बहनों-भाईयों को प्राप्त होगी। चौहान ने कहा कि हमने लगभग 11 लाख परिवारों के 32 लाख संग्राहकों के माध्यम से 9.74 लाख मानक बोरा से अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण कर तेंदूपत्ता संग्राहकों को 26.38 करोड़ रूपये नगद भुगतान कर दिया है।
राज्य में तेंदूपत्ते की संग्रहण दर 250 रूपए प्रति सैकड़ा है। इस वर्ष 16 लाख 29 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ते का संग्रहण प्रस्तावित है, जिससे लगभग 400 करोड़ रूपए की राशि का वितरण तेंदूपत्ता संग्राहकों को किया जाएगा। प्रदेश में अब तक 09 लाख 05 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण कर लिया गया है। चौहान ने बताया कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री तेंदूपत्ता संग्राहक योजना चलाई जा रही है। योजना में हमारे तेंदूपत्ता संग्राहकों को सामान्य मृत्यु पर 10 हजार रूपये, आंशिक अपंगता पर 20 हजार रूपये, पूर्ण अपांगता पर 50 हजार रूपये एवं दुर्घटना में मृत्यु पर 2 लाख रूपये की राशि प्रदान की जाती है।
योजना अंतर्गत 901 संग्राहकों को 4 करोड़ रूपये से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने बताया कि आदिवासी भाई-बहनों के बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें इसके लिए प्रदेश में एकलव्य शिक्षा योजना चलाई जा रही है। इस योजना में 9वीं कक्षा से स्रातक तक के विद्यार्थियों को 12 हजार से लेकर 50 हजार रूपये तक प्रतिवर्ष प्रदान किये जाते हैं। अभी तक लगभग 2200 विद्यार्थियों को 2.32 करोड़ रूपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने तेंदूपत्ता संग्रहकों से संवाद भी किया।