नैनीताल। उत्तराखंड के कालाढूंगी में आज एक अजीबोगरीब घटनाक्रम सामने आया। निहाल नदी से सटे जंगल में मोर्टार या मिसाइल पड़े होने की सूचना मिली। इसके बाद वन विभाग व पुलिस हरकत में आयी। सेना को भी सूचना दी गयी। सेना ने जांच की तो वह इलग बम निकला। सेना ने इसे कब्जे में ले लिया है। सेना द्वारा जांच की बात की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला कालाढूंगी रेंज के निहाल जंगल के पास धापला का है। कुछ वन कर्मियों ने गश्त के दौरान यहां एक मोर्टार या मिसाइलनुमा उपकरण को देखा। उन्होंने अपने अधिकारियों को सूचना दी। आनन फानन में पुलिस व वन विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने कमोला स्थित सेना के कैम्प से सम्पर्क साधा। सेना भी बिना समय गंवाये मौके पर पहुंच गयी। सैन्य कर्मियों ने मौके का मुआयना किया तो वह इलग बम (आसमान में तेज रोशनी करने वाला बम) निकला। यह स्वदेशी इलग बम है। यह अभी पूरी तरह से नष्ट नहीं हुआ है। यह भी पता चला कि इसे सेना युद्ध के समय इस्तेमाल करती है। जानकारी के अनुसार सेना ने इसे कब्जे में ले लिया है और इसे जंगल में ही गाड़ दिया गया है। बताया जा रहा है कि इसे सेना के विशेषज्ञों द्वारा नष्ट किया जाएगा। यह भी पता चला है कि सेना इस मामले की जांच अपने स्तर पर करेगी कि यह जंगल में कैसे आया। यह बम 22 साल पुराना बताया जा रहा है। इस स्वदेशी बम पर वर्ष 1997 का उल्लेख किया गया है।