जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने जेल में बंद श्योपुर के कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल को आज उनकी सजा पर रोक लगाने के साथ ही जमानत का लाभ प्रदान किया। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व्ही के श्रीवास्तव की एकलपीठ ने विधायक की तरफ से दायर क्रिमनल रिवीजन याचिका की सुनवाई करते हुए नीचली अदालत द्वारा दी गयी एक साल की सजा पर रोक लगते हुए उन्हें जमानत का लाभ प्रदान किया है। सांसद व विधायकों के प्रकरण की सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायालय ने 30 अक्टूबर को श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल समेत 14 आरोपियों को नीचली अदालत द्वारा आपराधिक प्रकरण में दी गयी एक साल के कारावास तथा 500 रुपये का जुर्माना की सजा को बरकार रखते हुए अपील को खारिज कर दिया था।
विशेष न्यायालय ने आरोपियों को जेल भेजने के आदेश जारी किये थे। कांग्रेस विधायक पर आरोप था कि 2 जनवरी 2008 को पेट्रोलिंग कर रहे श्योपुर सिंचाई विभाग के उपयंत्री के मातासुला गांव में ग्रामीणों के साथ मिलकर मारपीट की थी। उपयंत्री की शिकायत पर बाबूलाल और अन्य 14 पर मारपीट का अपराध दर्ज करवाया गया था। श्योपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने 15 जुलाई 2015 को सभी आरोपियों को एक साल की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ विशेष अदालत में अपील दायर की गयी थी। विधायक की तरफ से उच्च न्यायालय में दायर की गयी रिवीजन याचिका दायर की गयी थी। जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता लोगों को शांत करवाने के लिए घटना स्थल में पहुचे थे। उनके खिलाफ ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि उन्होने शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की या वह कोई हथियार लिये हुए थे। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने उक्त राहतकारी आदेश जारी किया।