प्रयागराज। साधु संतों की जानी मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने लोगों को अयोध्या के साम्प्रदायिक सौहार्द से सीख लेने की नसीहत दी है। गिरी ने शुक्रवार को कहा कि हिन्दू और मुसलमान के आपसी प्रेम और भाईचारे का अनूठा उदाहरण राम की नगरी में हमेशा देखने को मिला है। भले ही हिंदू-मुस्लिम पक्ष अपने-अपने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद के लिए अदालत में लडाई लड़ते रहे हों लेकिन अयोध्या की गंगा-जमुनी तहजीब में कोई खटास देखने को नहीं मिलती। उन्होने कहा कि छह दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद देश भर में भड़के सांप्रदायिक दंगों के बावजूद अयोध्या नगरी बिल्कुल शांत थी। उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद संबंधित मुकदमे पर 40 दिन तक जिरह कर पिछले बुधवार को पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया।
अब केवल परिणाम सुनाना ही बाकी रह गया है। महंत ने कहा कि सुनवाई पूरी हो गयी है और अब दोनो समुदायों के करोड़ों लोगों को अदालत के शीघ्र आने वाले फैसले का इंतजार है। न्यायालय का जो भी फैसला आता है उसे दोनो समुदायों के लोगों को खुशी पूर्वक अपनाकर लम्बे समय से चल रहे इस विवाद को पूर्ण विराम देना चाहिए। परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर को विध्वंस कर मस्जिद का निर्माण एक ऐतिहासिक गलती थी, जिसे न्यायालय को अब ठीक करना चाहिए। अतीत में अनेक शक्तिशाली हिंदू राजा भी रहे हैं, पर किसी के विदेश में यूं आक्रमण करने का तो कोई उदाहरण नहीं मिलता तब बाबर जैसे विदेशी आक्रांता को हिंदुस्तान के समृद्धशाली इतिहास को नष्ट करने का अधिकार कैसे दिया जा सकता है।