28 Mar 2024, 21:54:07 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
State

उप्र में ई-प्रासीक्यूशन प्रणाली लागू किये जाने के निर्देश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 17 2019 1:25AM | Updated Date: Sep 17 2019 1:25AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधियों को सजा दिलाने के कार्य में और अधिक तेजी लाने के उद्देश्य से अभियोजन विभाग को और अधिक सक्रिय करने के लिए ई-प्रासीक्यूशन प्रणाली’’ को  प्रदेश में लागू किये जाने के निर्देश दिये है। इसी कड़ी में राज्य अभियोजन सेवा के अभियोजकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को पुलिस मुख्यालय शहीद पथ लखनऊ के तकनीकी सेवायें स्थित कम्प्यूटर प्रषिक्षण हॉल में सम्पन्न हुआ। राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्य अतिथि एवं पुलिस महानिदेशक ओपी ंिसह  विशेष मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया।
 
गृह सचिव भगवान स्वरूप एवं विषेष सचिव गृह अटलराय भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। इस मौके पर अवस्थी ने कहा कि अभियोजन सुदृढीकरण एवं अभियोजन सुधार राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सूचना प्रौद्योगिकी के युग में ई-प्रासीक्यूशन अपराध नियंत्रण तथा आपराधिक न्याय प्रणाली में प्रदेश की सराहनीय भूमिका द्वारा रेखांकित करने में सक्षम रहेगा। उन्होंने कहा अभियोजन विभाग के संबंधित अधिकारीगण अपने-अपने यूजर आई डी एवं पासवर्ड बनाकर एक सप्ताह में ई-प्रॉसीक्यूशन पर कार्यवाही शुरू करा दे।
 
उन्होंने कहा कि 31 अकटूबर तक इन अधिकारियों के कार्यां का मूल्यांकन आन लाइन किया जाय तथा सभी अभियोजकों को प्रशिक्षण दिया जाय। उन्होंनें कहा कि अभियोजन विभाग को सुदृढ़ करने में शासन स्तर से हर संभव सहायता दी जायेगी। उन्होंने अभियोजन विभाग को सुदृढ़ करने तथा अभियोजकों को लैपटाप दिये जाने आदि के संबंध में प्रस्ताव शासन को शीघ्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। इस मौके पर पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने अपने  कहा कि सभी गवाहों को एसएमएस से सूचित किया जाय कि किस दिन अदालत में किस मामले में गवाही की तिथि है एवं संबंधित अधिकारी सरकारी वकील का नाम एवं मोबाइल नम्बर भी गवाह व वादी के मोबाइल पर जाय।
 
उन्होंने कहा कि समयबद्व तरीके से वादों का निस्तारण कराया जाय तथा गवाहों को शीघ्र परीक्षित कराया जाय जिससे शीघ्र निर्ण य हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि इस तरह की समस्याओं को जिला स्तर पर मानीटरिंग सेल पर भी रखा जाय। प्रशिक्षण कार्यक्रमा में एनआईसी की वरिष्ठ तकनीकी निदेषक संगीता मनीष द्वारा आईसीजेएस के विभिन्न घटकों तथा उक्त प्रणाली जो एनआईसी द्वारा विकसित की गयी, के विभिन्न तकनीकी पहलुओ से अवगत कराया गया। एनआईसी के सूचना वैज्ञानिक  एम  खान एवं सुर्योदय वर्मा द्वारा इस प्रणाली की कार्यविधि की बारीकियों से अभियोजन अधिकारियों को प्रषिक्षित कराया गया।
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन  आशुतोष पाण्डेय ने बताया गया कि ई-प्रासीक्यूशन के माध्यम से सभी सहायक अभियोजन अधिकारियों, अभियोजन अधिकारियों, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन व पर्यवेक्षण आनलाइन किया जा सकेगा। इसमें अगली गवाही की तिथि, प्रत्येक तिथि पर की गयी कार्यवाही, निर्णीत वादों की प्रति जिसमें वादों के दोष सिद्वि या दोष मुक्ति के कारण का पता चल सके आदि की सुविधा उपलब्ध है। इसमें एफआईआर नम्बर, सीएनएन नम्बर या संबंधित अभियोजन अधिकारी के नाम से विभिन्न वादों को सर्च  किया जा सकता है। इस पोर्टल के द्वारा दोष सिद्वि, दोष मुक्ति, वाद वापसी, समझोता, अपील आदि पर वादों को जिले वार सर्च किया जा सकता है।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »