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बजट आंकडो का मायाजाल एवं दिशाहीन -प्रतिपक्ष

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 12 2019 12:22AM | Updated Date: Jul 12 2019 12:22AM
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जयपुर। राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष ने वर्ष 2019-20 के बजट को जहां दिशाहीन बताया वहीं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसे विकासोन्मुख करार दिया। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिये प्रस्तुत परिवर्तित बजट चर्चा की शुरूआत करते हुये विपक्ष के उपनेता राजेन्द्रसिंह राठौड ने इसे आंकड़ों का मायाजाल एवं दिशाहीन बताया है। राठौड़ ने कहा कि यह बजट आम आदमी के विकास के स्थान पर बदले की भावना से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि राज्य में बजरी मामले में खनन माफिया पनप रहा है तथा आवासीय निर्माण बंद पडा है, उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आवाम को आवास उपलब्ध कराने का जो सपना दिखाया है वह कैसे पूरा होगा। उन्होंने कहा कि पहले से कर्जे में दबे राज्य को इस बजट के क्रिन्यावयन में और अधिक कर्जा लेना पडेगा और राज्य अधिक कर्जे में डूब जायेगा। 
 
उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद सभी स्थानों पर खजांचियो के पास भुगतान के लिए बिल अटके पडे है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने बदले की भावना रखते हुये भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) की सरकार के अंतिम छह माह में लिये गये निर्णयों की समीक्षा के लिये मंत्रियों का समूह बनाया है। राठौड ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने दस दिन में किसानों का कर्जा माफी का वायदा किया था उसमें वाणिज्यिक बैंक के कर्जे भी शामिल है। लेकिन श्री गहलोत ने बजट में सिर्फ वाणिज्यिक बैंको से बात करने के लिये केन्द्र सरकार को पत्र लिखने का ही उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है कि राज्य में खरीफ की बुवाई शुरू होने के महिना भर बीतने के बाद भी किसानों को खाद बीज का एक रूपया नहीं मिला है। गहलोत द्वारा बजट में भाजपा सरकार पर किसानों को कृषि ऋण नहीं देने के आरोप के जबाव में राठौड ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में 69 लाख करोड़ रूपए का ऋण राज्य के किसानो को वितरित किया था जो आज तक किसी भी सरकार ने नहीं किया है। 
 
बजट में कोई नया कर नहीं लगाने के गहलोत के दावे को झुठलाते हुये राठौड ने कहा कि कहना बड़ा आसान है, यथार्थ में उतरना बड़ा मुश्किल है। उन्होंने व्यंग्य भरे शब्दो में कहा कि बजट से दो दिन पहले पेट्रोल डीजल पर वैट बढा देने से 1800 करोड रूपए का भार उपभोक्ताओं पर पडा है जबकि हमारे पडोसी राज्य पंजाब एवं हरियाणा में हमारे यहां से पेट्रोल डीजल सस्ता मिल रहा है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने नाम बदलने की परम्परा बना डाली है। भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गयी गौरव पथ योजना को विकास पथ कर दिया गया है। महिलाओं को सशक्तिकरण के लिये बनायी गयी भामाशाह योजना को बंद  कर राजस्थान जन आधार कार्ड योजना शुरू की गई है। इसी तरह गत सरकार द्वारा शुरू की गयी मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना जिसको सार्क के प्रतिनिधियों ने भी प्रशंसा की थी, नाम बदल कर राजीव गांधी जल संचय योजना तथा प्रधानमंत्री किसान निधि योजना को बदलकर कृषक कल्याण कोष कर दिया गया है।
 
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