मध्य प्रदेश के खंडवा में गणेश विसर्जन के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया। खबर है कि यहां गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित करते हुए एक युवक की डूबने से मौत हो गई। देखते ही देखते बप्पा मोरया की गूंज चीख-पुकार में बदल गई। गांव में मातम का माहौल है। डूबने वाला युवक परिवार का इकलौता बेटा था। आज सुबह लड़के की लाश का पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार किया गया। ये घटना खंडवा जिले के पंधाना थाना क्षेत्र के गांव छनेरा की बताई जा रही है।
खंडवा में अनंत चतुर्दशी के पर्व के दिन एक परिवार की खुशियां उजड़ गईं। गांव में सामूहिक रूप से गणेश प्रतिमा की स्थापना हुई थी। आखिरी दिन बप्पा की विदाई के समय गांव के लोग एक किलोमीटर दूर तालाब पर पहुंचे और मूर्तियां विसर्जित करने लगे। इसी बीच 22 वर्षीय संजय धानक मूर्तियों को गहरे पानी में छोड़ रहा था। उसने छोटी-बड़ी करीब 8 से 10 मूर्तियों को एक-एक करके तालाब के पानी में समाहित किया। लेकिन वह खुद समा जाएगा यह कोई नहीं जानता था।
मृतक संजय के काका सुभाष धानक का कहना है कि ये दोपहर 3 बजे के करीब की घटना है। मूर्तियों के विसर्जन के दौरान तालाब के पास पूरा गांव डटा हुआ था। खुद संजय ही तालाब में तैर-तैरकर मूर्तियां ले जा रहा था। फिर अचानक ही वो गायब हो गया। पता चला कि वह तालाब में डूब गया है। गांव में भी पता चल गया कि कोई युवक डूबा है। हम लोग तालाब पर पहुंचे, कुछ लड़कों ने रेस्क्यू किया और संजय को बाहर निकाला। लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी। सूचना पर कोई पुलिस वाला मौके पर नहीं आया। हम खुद ही उसे पंधाना के स्वास्थ्य केंद्र पर ले गए।
वहीं मृतक संजय की बड़ी बहन उर्मिला जो लॉ स्टूडेंट है, उसका कहना है कि मेरे भाई को तैरना आता था, वो डूब नहीं सकता। वह बताती है कि भाई संजय को तैरना आता था, उसने तालाब में दर्जनों मूर्तियां विसर्जित की और फिर अचानक डूब गया। गांव वालों की इस कहानी पर हमें संदेह होता है। भाई के साथ कोई न कोई अनहोनी जरूर हुई है। पुलिस को गहनता से इस मामले में जांच करना चाहिए। भाई के जिम्मे ही पूरा परिवार था, पढ़ाई छोड़ने के बाद उसने परिवार की जिम्मेदारी संभाल ली थी। इधर, पंधाना पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।