इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी एवं राज्य के पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट और कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के बीच कांटे की टक्कर के बीच चुनाव प्रचार अभियान चरम पर पहुंच गया है। अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सांवेर सीट से कुल 13 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला श्री सिलावट और श्री गुड्डू के बीच ही दिखायी दे रहा है। राज्य में उपचुनाव वाली सभी 28 सीटों के साथ ही सांवेर में भी रविवार शाम पांच बजे चुनावी शोरगुल थम जाएगा। इसलिए अब चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में दोनों दलों के प्रत्याशी पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा जहां सांवेर विधानसभा क्षेत्र के विकास, शिक्षा, किसान, सड़क, बिजली और पानी के मुद्दों को लेकर मतदाताओं तक पहुंच रही है, वहीं कांग्रेस 15 माह की तत्कालीन कमलनाथ सरकार के कामों को लेकर मतदाताओं के बीच अपनी जगह बनाने की जुगत में जुटी हुयी है।
प्रचार अभियान के दौरान भाजपा के पक्ष में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और थावरचंद गेहलोत, वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दुष्यंत कुमार गौतम, राज्य की मंत्री सुश्री उषा ठाकुर और अन्य पदाधिकारी प्रचार कर चुके हैं। कांग्रेस की ओर से मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तथा पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और जीतू पटवारी चुनाव प्रचार में नजर आए।
कोविड 19 से राज्य में सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले के अधीन आने वाले सांवेर क्षेत्र में दो लाख सत्तर हजार से ज्यादा मतदाता हैं। इनमें से एक लाख चालीस हजार से ज्यादा पुरुष और एक लाख तीस हजार के महिला मतदाता शामिल हैं। इस क्षेत्र में भी मतदान तीन नवंबर को होगा और नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
सांवेर विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास पर नजर दौड़ाने से पता चलता है कि वर्ष 2018 तक पिछले लगभग छह दशकों के दौरान हुए 13 विधानसभा चुनावों में दो बार भारतीय जनसंघ, एक बार जनता पार्टी, पांच बार भाजपा और पांच बार कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी पार्टी का परचम लहराया है।
इस वर्ष मार्च माह तक कांग्रेस में रह चुके एवं वर्तमान में भाजपा प्रत्याशी तुलसीराम सिलावट ने वर्ष 2008 और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर लड़कर क्रमश: भाजपा की निशा सोनकर और श्री राजेश सोनकर को पराजित किया है। श्री सिलावट (कांग्रेस) को वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के राजेश सोनकर के हाथों पराजय भी झेलना पड़ी है।
सिंधिया के कट्टर समर्थक श्री सिलावट राज्य में 15 माह की कमलनाथ सरकार में भी मंत्री रहे और वे इस वर्ष मार्च माह के अभूतपूर्व राजनैतिक घटनाक्रम के बीच विधायक पद से त्यागपत्र देकर सिंधिया के नक्शेकदम पर चलते हुए भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी वजह से इस क्षेत्र में उपचुनाव हो रहे हैं। मार्च माह में भाजपा की सरकार बनने पर शिवराज सिंह चौहान चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने और सिलावट को अप्रैल माह में मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी। वे जल संसाधन विभाग देख रहे थे। लेकिन संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप छह माह में विधानसभा का सदस्य नहीं बन पाने के कारण श्री सिलावट को 20 अक्टूबर को मंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा।
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गुड्डू इंदौर से सटे उज्जैन संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे सांवेर विधानसभा क्षेत्र का भी कांग्रेस के टिकट पर 1998 से 2003 तक प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। गुड्डू वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे, लेकिन कुछ माह पहले उनका भाजपा से भी मोहभंग हो गया और वे कांग्रेस में वापस आ गए।