भिवानी। हरियाणा में गत शुक्रवार को घोषित दसवीं कक्षा के परिणाम में यहां स्थित स्कूल शिक्षा बोर्ड का एक बार फिर विद्यार्थियों के साथ छत्तीस का आंकड़ा जारी रखा। कोरोना महामारी के समय जहां विद्याथी बोर्ड से कुछ राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे वहीं उसने हजारों छात्रों को झटका देते हुए बड़ी संख्या में फेल कर दिया है। साथ ही बोर्ड द्वारा माफ किया गया 5000 रुपये का जुर्माना नहीं भरने वाले स्कूलों के विद्यार्थियों का परिणाम भी उसने रोक लिया।
लेकिन भिवानी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बढ़ते दबाव को देखते हुए बोर्ड ने परीक्षा परिणाम जारी करने की घोषणा कर दी। बोर्ड ने डशुक्रवार को उनका परिणाम यह कहते हुए रोक लिया था कि फाइन भरने के बाद ही इसे घोषित किया जाएगा। एसोसिएशन के प्रधान राम अवतार शर्मा ने बताया कि बोर्ड में कोई काम बिना विवाद के हो जाये ऐसा सम्भव ही नहीं है। विद्यार्थी विरोधी छवि बरकरार रखते हुए बोर्ड ने दसवीं के शिक्षा परिणाम घोषित करने के साथ ही एक और नया कारनामा कर दिया।
उन्होंने बताया कि बोर्ड ने हजारों की संख्या में ऐसे विद्यार्थियों को फेल कर दिया है जिस विषय की परीक्षा उन्होंने नहीं दी थी या जो उनके विषय वैकल्पिक हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जहाँ बोर्ड को विद्यार्थियों की मदद करनी चाहिए थी, वहीं बोर्ड ने ठीक इसका उल्टा करत्ते हुए इन्हें मानसिक प्रताड़ना का शिकार बना दिया। यदि कोई समाधान नहीं हुआ तो एसोसिएशन शिक्षा बोर्ड को उच्च न्यायालय लेकर जाएगी।