भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना इलाज की सर्वोत्तम व्यवस्था सुनिश्चित कर मृत्यु दर को कम करना है। हमारे लिए हर जान कीमती है। इलाज में थोड़ी भी चूक बर्दाश्त नहीं होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने आज यहाँ वरिष्ठ अधिकारियों एवं चिकित्सकों के साथ कोविड-19 से हुई मौतों का विश्लेषण करते हुए वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि प्रदेश में कहीं भी कम्युनिटी स्प्रैड की स्थिति न बने, इसके लिए सभी कलेक्टर्स गहन सर्वे, कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग, टैसिंटग आदि के साथ ही संक्रमित क्षेत्रों में सख्ती से लॉकडाउन का पालन तथा अन्य सभी सावधानियां सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों से संक्रमण न फैले इस बात की पूरी सावधानी रखी जाए। उनका स्वास्थ्य परीक्षण तथा ठीक ढंग से क्वारेंटाइन की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
क्वारेंटाइन सेंटर्स पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं हों। वहां आइसोलेशन के साथ ही शुद्ध भोजन, स्वच्छ जल, पंखे, शौचालय आदि की अच्छी व्यवस्था हो। चौहान ने रीवा जिले के समीक्षा करते हुए निर्देश दिए है कि जिले में कोरोना से कोई मृत्यु नहीं हो। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए। रीवा कलेक्टर ने बताया कि जिले में 35 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे, जिनमें से 10 डिस्चार्ज हो गए हैं।
एक्टिव मरीजों की संख्या 25 है। जिले में कोरोना से कोई मृत्यु नहीं हई है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में एक्टिव प्रकरणों में कमी आई है। 29 मई की स्थिति में 192 कोरोना के नए संक्रमित मरीज मिले, वहीं 219 मरीज स्वस्थ होकर घर गए। प्रदेश में एक्टिव केसेज की संख्या 3042 है। प्रदेश की कोरोना रिकवरी रेट 56 प्रतिशत हो गई है, देश की रिकवरी रेट 42.8 प्रतिशत है। आज हमीदिया अस्पताल भोपाल से 28 मरीज स्वस्थ होकर घर गए हैं। मध्यप्रदेश में कोरोना मृत्यु दर 4.3 प्रतिशत है, जबकि देश की मृत्यु दर 2.8 प्रतिशत है। एसीएस हैल्थ ने बताया कि उज्जैन का ट्रॉमा सेंटर कोविड अस्पताल के रूप में तैयार हो गया है।
अमलतास अस्पताल देवास भी अनुबंधित कर लिया गया है। अब आर.डी. गार्डी अस्पताल की आवश्यकता नहीं है। समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया है कि इंदौर, उज्जैन एवं भोपाल की कोरोना संबंधी व्यवस्थाओं पर तीन वरिष्ठ अधिकारी विशेष नजर रखेंगे। एसीएस हैल्थ सुलेमान इंदौर की, प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई उज्जैन की तथा प्रमुख सचिव संजय शुक्ला भोपाल की व्यवस्थाओं पर विशेष नजर रखेंगे। चौहान ने कहा कि प्रदेश में 100 लाख मीट्रिक टन खरीदी के लक्ष्य से भी काफी अधिक 120 लाख 81 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन कर लिया गया है तथा खरीदी की सारी व्यवस्थाएं सुचारू हैं। यह सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि 31 मई के बाद भी यदि कुछ खरीदी केन्द्रों पर खरीदी की आवश्यकता हो तो उन्हें चालू रखा जाए। प्रत्येक पंजीकृत किसान का गेहूँ खरीदा जाएगा। एसीएस मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अच्छे कार्य के लिए विश्व बैंक द्वारा मध्यप्रदेश को 223 करोड़ रूपए की इन्सेंटिव ग्रांट दी गई है। उन्होंने बताया कि श्रम सिद्धी अभियान के तहत 4 लाख 18 हजर श्रमिकों को कार्य दिया गया है। मनरेगा के कार्यों में 81 प्रतिशत कार्य जल ग्रहण संबंधी कराये जा रहे हैं।