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हरियाणा में लॉकडाउन के मद्देनजर सैलजा ने दिये मुख्यमंत्री को आमजन से जुड़े सुझाव

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 28 2020 2:36PM | Updated Date: Mar 28 2020 2:36PM
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चंडीगढ़। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने राज्य में कोविड-19 को लेकर किये गये लॉकडाउन के मद्देनजर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिख कर उन्हें आमजन के हितों से जुड़े कुछ सुझाव दिये हैं तथा इन पर अमल करने का अनुरोध किया है। सैलजा ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन ने प्रदेश के हजारों छोटे-मध्यम व्यापारों को बड़े आर्थिक संकट में डाल दिया है।
 
छोटे-मध्यम व्यापारों पर हजारों लोगों की रोजी-रोटी निर्भर है। उन्होंने इस संदर्भ में सरकार को छोटे मध्यम व्यापार की सहायतार्थ 'आपातकालीन वेतन योजना' बनाने, अगले तीन महीनों तक इनके सभी कर्मचारियों को कम से कम 5,000 रु प्रति माह का देने, छोटे मध्यम व्यापार को गत वर्ष के 25% टर्नओवर तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने, छोटे व्यवसायों के लिए राज्य जीएसटी आधा करने, राज्य जीएसटी भुगतान तीन महीने के लिए स्थगित करने,  जीएसटी रिटर्न्स में विलम्ब पर जुर्माने से छूट देने तथा राज्य सरकार से छह माह के लिए व्यक्तिगत आयकर हटाने के लिये केंद्र सरकार से आग्रह किया है।
 
उन्होंने छोटे व्यापारी का 2.5 लाख तक का कर्ज़ माफ करने, छोटे मध्यम व्यापार खासकर होटल, रेस्तरां और खुदरा उद्योग के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करने, वाणिज्यिक किरायेदारों को किराए में राहत प्रदान करने, छोटे दुकानदार और व्यापारियों को बैंक कर्ज पर ब्याज में छूट देने, किसानों से जुड़े व्यापारी की आढ़त 2.5% से बढ़ाकर 3% प्रतिशत करने, किसानों को फसल का भुगतान 72 घंटे में करने, नये लकड़ी उद्योगों की लाइसेंस राशि वापिस करने, किराना दुकानदारों, केमिस्ट, सब्जी वालों और दूध जैसी जरूरतें पूरी करने वालो को भी मासिक भत्ता देने, कोरोना-लॉकडाउन के चलते बंद पड़ी फैक्टरियों में लगे बिजली के कमर्शियल मीटर्स पर लगने वाला फिक्स चार्ज और इनका मार्च और अप्रैल महीने का बिजली का बिल माफ करने तथा पुरानी बकाये के भुगतान के लिए अगले दो महीने तक राहत देने, पानी के बिल और सम्पत्ति कर भी छूट प्रदान करने का सुझाव दिया। 
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि छोटे काम धंधों में काम करने वाले मजदूरों का बड़ा हिस्सा कहीं भी पंजीकृत नहीं है, न ही ऐसे लोगों के बैंक खाते हैं, न ही ये लोग कोई ऐप यूज कर खुद को पंजीकृत कर सकते हैं। ऐसे में सरकार को सामाजिक संगठनों की मदद से इनका डाटा एकत्रित कर सहायता राशि नकद पहुंचाये. उन्होंने पोल्ट्री उद्योग, कोल्ड स्टोरेज और अन्य ऐसे उद्योग जहां माल खराब हो गया है या हो सकता है, उनकी आर्थिक मदद और उनका माल खुद खरीद कर वितरित करने, सरकारी और दूसरे सरकार से फंड पाने वाले मेडिकल संस्थानों, अस्पतालों को मरीजों को मुफ्त दवा और इलाज उपलब्ध कराने के दिशा निर्देश जारी करने की मांग की।
 
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