नई दिल्ली। महिलाओं की देखभाल से जुड़े अग्रणी ब्रांड व्हिस्पर ने गुरुवार को ‘कीपगर्ल्सइनस्कूल’ अभियान शुरू किया जिसका मकसद लड़कियों को माहवारी शुरू होने पर उनका स्कूल जाना छोड़ने से रोकना है। व्हिस्पर ने इसके एक भाग के तहत अपनी नयी फिल्म लाँच की है जिसका उद्देश्य इस बारे में जागरुकता फैलाना है कि कैसे आज भी देश भर में यौवन आरंभ होने के साथ ही लड़कियां स्कूल जाना छोड़ देती हैं। एक अध्ययन के अनुसार इस काल में हर पांच में से एक लड़की स्कूल जाना छोड़ देती है और इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता।
इसके मद्देनजर व्हिस्पर ने माहवारी के दौरान लड़कियों की स्वच्छता से जुड़े शैक्षिक कार्यक्रम के प्रभाव को दोगुना करने का इरादा व्यक्त किया है और साल 2022 तक पांच करोड़ लड़कियों तक पहुंचने की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है। पीएंडजी इंडियन सब-काँन्टिनेंट के फेमिनाइन केयर की कैटगरी लीडर चेतना सोनी ने इस मौके पर कहा,‘‘ देश में माहवारी संबंधी स्वच्छता से जुड़े सामाजिक अवरोधों को चुनौती देने के लिए व्हिस्पर सामने आयी है।
कंपनी के ब्रांड के शानदार इतिहास में कीपगर्ल्सइनस्कूल सबसे नया अभियान है। उन्होंने कहा कि माहवारी से जुड़ी गलत धारणाओं-मान्यताओं को दूर करने में जोरदार आवाज होने के अलावा व्हिस्पर ने जमीनी तौर पर भी उल्लेखनीय प्रभाव का निर्माण किया है। पिछले तीन दशकों में हमने देश 2.5 करोड़ लड़कियों को अपने पीरियड एजुकेशन कार्यक्रम के जरिए माहवारी से जुड़ी स्वच्छता के बारे में शिक्षित किया है। अगले दो सालों में इस कार्यक्रम को दोगुना करके कंपनी 2022 तक पांच करोड़ से ज्यादा किशोरियों को माहवारी से जुड़ी स्वच्छता के बारे में शिक्षित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं।
व्हिस्पर ने अभियान के इस संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए अभिनेत्री भूमि पेंडेकर के साथ करार किया है। भूमि पेंडेकर ने इस अभियान से जुड़ने पर कहा,‘‘ माहवारी का विषय आज भी निषिद्ध माना जाता है। लड़कियों का स्कूल जाना बेहद जरूरी है और वह इस मकसद से व्यक्तिगत रूप से जुड़ा महसूस करती हैं।