नई दिल्ली। T20 World Cup में एक हफ्ते के ब्रेक के बाद टीम इंडिया को न्यूज़ीलैंड से मैच खेलना है। 31 अक्टूबर को होने वाला ये मुकाबला विराट कोहली की टीम के लिए ‘करो या मरो’ की लड़ाई होगी। हार का मतलब होगा टूर्नामेंट से लगभग बाहर का रास्ता। लेकिन इस बेहद अहम मुकाबले को जीतने के लिए टीम इंडिया को इतिहास बदलना होगा। एक ऐसा रिकॉर्ड जिसे पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी नहीं बदल पाए थे। टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में टीम इंडिया कभी भी न्यूज़ीलैंड को नहीं हरा सकी है। रिकॉर्ड्स के आईने में झांके तो भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच टी-20 वर्ल्ड कप में अब तक सिर्फ दो बार भिड़ंत हुई है और दोनों बार न्यूज़ीलैंड की टीम ने बाज़ी मारी है। सबसे पहले साल 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में धोनी की टीम को न्यूज़ीलैंड ने 10 रनों से हराया था। इसके बाद 2016 टी-20 वर्ल्ड कप में नागपुर के मैदान पर टीम इंडिया को 47 रनों से करारी हार का सामना करना था। साल 2016 में नागपुर में तो टीम इंडिया 127 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सिर्फ 79 रनों पर ऑल आउट हो गई थी। टी-20 वर्ल्ड कप में ये टीc इंडिया का सबसे कम स्कोर है। इससे पहले 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया जोहान्सबर्ग के मैदान पर 191 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत की मंजिल से 10 रन दूर रह गई थी। इस मैच में गौतम गंभीर ने 33 गेंदों पर 51 रनों की शानदार पारी खेली थी।
T-20 इंटरनेशनल के ओवरऑल रिकॉर्ड पर नज़र डालें तो वहां भी न्यूज़ीलैंड का पलड़ा भारी रहा है। अब तक दोनों देशों के बीच कुल 16 टी-20 मैच खेले गए हैं। न्यूज़ीलैंड को यहां 8 मैचों में जीत मिली है। जबकि टीम इंडिया की झोली में 6 मैच आए हैं। दो मैच टाई हुए तो इसका फैसला एलिमिनेटर से किया गया था। जहां टीम इंडिया ने बाज़ी मारी थी। हाल के दिनों में बड़े मुक़ाबले की बात की जाए तो न्यूज़ीलैंड ने दो बार टीम इंडिया को मात दी है। 2019 के वनडे वर्ल्ड कप में न्यूज़ीलैंड ने सेमीफाइनल में भारत को हराया था। मैनचेस्टर में खेले गए इस मैच में न्यूज़ीलैंड ने टीम इंडिया 18 रनों से हरा कर उसके फ़ाइनल में पहुंचने के सपने को चकनाचूर कर दिया था। 240 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया ने सिर्फ 92 के स्कोर पर 6 विकेट गंवा दिए थे। इस साल जून में टीम इंडिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत को 8 विकेट से हरा दिया था। लिहाज़ा टी-20 वर्ल्ड कप के ‘करो या मरो’ के मैच में दबाव टीम इंडिया पर रहेगा।