नई दिल्ली। IPL लीग के समाप्त होने के दो दिन बाद ही 17 अक्टूबर से T20 वर्ल्ड कप का आगाज होगा, जो 14 नवंबर तक चलेगा. वर्ल्ड कप शुरु होने में अब गिनती के दिन बचे हैं। इस साल होने वाले T20 World Cup को लेकर ICC ने एक बड़ा फैसला लिया है, जो मेंस T20 World Cup के इतिहास में पहली बार होगा. आईसीसी के इस फैसले से वर्ल्ड कप में होने वाले मैचों में टीमों को काफी आसानी होगी. अब आप सोच रहे होंगे कि ICC ने ऐसा क्या बड़ा बदलाव कर दिया है। जो T20 के इतिहास में पहली बार लागू होगा। तो हम आपको बताते हैं, ICC ने क्या बड़ा बदलाव कर दिया है. दरअसल, ICC ने इस साल यूएई और ओमान में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में पहली बार DRS के इस्तेमाल की इजाजत दी है. आईसीसी ने टी20 टूर्नामेंट के लिए जारी खेल के नियमों में डीआरएस को भी शामिल कर लिया है। T20 World Cup में प्रत्येक टीम को प्रत्येक पारी में डीआरएस (DRS) के दो मौके मिलेंगे. आपको बता दें कि इससे पहले टी20 वर्ल्ड कप में कभी डीआरएस (DRS) का इस्तेमाल नहीं किया गया है. आखिरी बार साल 2016 में T20 वर्ल्ड कप खेला गया था, उस वक्त इस फॉर्मेट में डीआरएस (DRS) का इस्तेमाल नहीं किया जाता था. किसी भी आईसीसी इवेंट में DRS के इस्तेमाल की बात करें तो सबसे पहले आईसीसी इवेंट में डीआरएस का इस्तेमाल साल 2018 में वेस्टइंडीज (West Indies) में खेले गए महिला टी-20 वर्ल्ड कप में किया गया था. इसके बाद साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया में खेले गये महिला T20 World Cup में भी किया गया था।
ICC डीआरएस के इस्तेमाल की मंजूरी इसलिए देती है कि फील्ड अंपायर द्वारा खिलाड़ियों को आउट देने में होने वाली गलती को सुधारा जा सके. अगर फील्ड अंपायर फील्डिंग कर रही टीम के खिलाड़ियों की अपील को ठुकरा देता है और कप्तान को लगता है कि यह आउट दिया जाना चाहिए था. तो कप्तान डीआरएस (DRS) की मांग कर सकता है, जिसके बाद फैसला टीवी अंपायर के पास जाता है. रिप्ले देखने के बाद टीवी अंपायर यह फैसला करते हैं कि खिलाड़ी आउट है या नहीं. इसी तरह से अगर बल्लेबाजी कर रही टीम को लगता है कि अंपायर ने उसे गलत आउट दिया है तो वह भी डीआरएस (DRS) की मांग कर सकता है। आपको बता दें कई बार देखा गया है कि फील्ड अंपायर का निर्णय डीआरएस के इस्तेमाल के बाद गलत साबित हुआ है, और फील्ड अंपायर को माफी के साथ फैसला बदलना पड़ा है।