नई दिल्ली. भारतीय टीम के गेंदबाजों का मानना है कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल (WTC Final) में पहुंचना दो साल की कड़ी मेहनत और कभी हार नहीं मानने वाले जज्बे का नजीता है और टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथैंप्टन में 18 से 22 जून तक खेले जाने वाले मुकाबले के लिए अपना पूरा दमखम लगा देगी. ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बीसीसीआई डॉट टीवी (भारतीय क्रिकेट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट) से कहा कि न्यूजीलैंड की टीम इस मुकाबले से पहले इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेलने से फायदे में रहेगी लेकिन भारतीय टीम को इस चुनौती से निपटने के लिए परिस्थितियों से सामांजस्य बैठाना होगा.
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा ने इसकी तुलना एकदिवसीय विश्व कप से करते हुए कहा कि टीम को 110 प्रतिशत देना होगा. अश्विन ने न्यूजीलैंड के इंग्लैंड दौरे पर कहा, ' मुझे उम्मीद है कि एक सुनियोजित और शानदार तैयारी के साथ न्यूजीलैंड टीम हमारे पास आएगी. उन्हें दो टेस्ट खेलने के बाद निश्चित रूप से फायदा हुआ है इसलिए हमें उसके अनुकूल होना होगा.'
वनडे वर्ल्ड कप की तरह बड़ा है WTC Final
टीम में 100 टेस्ट मैचों का अनुभव रखने वाले इकलौते खिलाड़ी इशांत ने डब्ल्यूटीसी के लिए पिछले दो साल की यात्रा को भावनात्मक बताते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण बदली परिस्थितियों में टीम का यहां पहुंचना शानदार प्रयास का नतीजा है. उन्होंने कहा, ' यह काफी भावनात्मक यात्रा रही है, यह ऐसा आईसीसी टूर्नामेंट है जो 50 ओवर के विश्व कप फाइनल की तरह बड़ा है. ' उन्होंने कहा, ' विराट ने पहले भी कहा है कि यह एक महीने नहीं बल्कि लगातार दो साल की मेहनत का नतीजा है. कोविड-19 के कारण नियमों में बदलाव के बाद हम दबाव में थे हमें काफी कड़ी मेहनत करनी थी.
इंग्लैंड के खिलाफ 3-1 (या 2-0) से जीतना था.शमी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे में एडिलेड टेस्ट के बाद टीम ने अनुभवी गेंदबाजों की गैरमौजूदगी में जैसा प्रदर्शन किया वह काबिले तारीफ है. उन्होंने कहा, ' अब यह अपना 110 प्रतिशत देने के बारे में है. यह हमारे दो साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिरी बार प्रयास करने की तरह है. यह जरूरी है कि हम इसमें दोहरा प्रयास करें.' उन्होंने कहा, ' हमारे लिए सबसे अच्छा पल ऑस्ट्रेलिया में आया, सीनियर गेंदबाजों की गैरमौजूदगी में युवाओं ने शानदार प्रदर्शन किया. सीखने की प्रक्रिया है और इससे आत्मविश्वास मिला. उन्होंने एक मानक स्थापित किया.'