क्राइस्टचर्च। भारतीय उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि टीम इंडिया वेलिंग्टन में मिली 10 विकेट की करारी हार को पीछे छोड़कर शनिवार से क्राइस्टचर्च में होने वाले दूसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट मैच में सकारात्मक सोच के साथ उतरेगी ताकि वह सीरीज में बराबरी हासिल कर सके। भारतीय टीम पहले टेस्ट में चारों खाने चित रही थी और उसे न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरी बार दस विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। न्यूजीलैंड ने इससे पहले 1989/90 में क्राइस्टचर्च में और 2002/03 में वेलिंग्टन में भारत को 10 विकेट से हराया था। इस मैच में भारत की बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों फ्लॉप रही थी।
रहाणे ने दूसरे टेस्ट से पर्व गुरूवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत ने पहले मैच की अपनी गलतियों को दूर करने पर काम किया है और वह सकारात्मक सोच के साथ दूसरे टेस्ट में उतरेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम यहां की परिस्थितियों के हिसाब से खुद को जल्द से जल्द ढाल लें। हेग्ले ओवल की पिच में वेलिंग्टन के मुकाबले ज्यादा तेजी रहेगी और इसका भारतीय गेंदबाजों को फायदा मिल सकता है।
उपकप्तान ने कहा, न्यूजीलैंड में एक बल्लेबाजी और गेंदबाजी इकाई के तौर पर हमें परिस्थितियों से अभ्यस्त हो जाना होगा। यहां की पिचें भारत, दक्षिण अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया की पिचों से काफी अलग हैं। भारत ‘ए’ टीम यहां खेल चुकी है। हनुमा विहारी ने हमें बताया है कि इस विकेट पर काफी तेजी और उछाल है। हमें पहले दिन से ही खुद को परिस्थितियों से अभ्यस्त कर लेना होगा और हालात के हिसाब से खेलना होगा।
इससे भी ज्यादा जरूरी चीज़ यह है कि हमें पिछले टेस्ट के बारे में न सोचते हुए खुद पर भरोसा कायम रखना होगा और वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में अपने खाते में 60 अंकों को जोड़ना होगा।’’ भारतीय टीम पहले टेस्ट की दोनों पारियों में 165 और 191 रन पर लुढ़क गयी थी जिसके बाद भारतीय बल्लेबाजों की मुश्किल परिस्थितियों में खेलने की क्षमता पर सवाल उठाये जा रहे थे।