देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने के विश्राम के बाद जागते हैं। कहते है कि इस दिन भगवान विष्णु ने शंखासुर नामक राक्षस का वध किया था उसके बाद आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु ने क्षीर सागर में शेषनाग की शय्या पर शयन किया था और चार महीने की योग निद्रा त्यागने के बाद भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी के दिन जागते है।
भगवान विष्णु के जागने के बाद उनके भक्त उनकी प्रिय तुलसी उनको अर्पित करते हैं और इसी दिन भगवान विष्णु शालिग्राम के रुप में तुलसी के साथ विवाह भी करते है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और शुक्रवार का दिन है। इसके साथ ही एकादशी तिथि 12 बजकर 25 मिनट तक ही रहेगी।
राशियां हैं मेष राशि, तुला राशि, कुंभ राशि, मकर राशि और वृश्चिक राशि।