हर व्यक्ति के अंदर हर क्षमता है बस जरूरत है तो उस क्षमता को जगाने की। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर अपने अंदर की प्रतिभा को जगाया कैसे जाए? आपने महसूस किया होगा कि जब ऑफिस में आपका बॉस आपकी जरा सी तारीफ कर देता है तो आप अपने अंदर एक नई ऊर्जा का अनुभव करेंगे, उस दिन आप अपने अंदर काम करने की एक नई स्फूर्ति अनुभव करेंगे। कोई नहीं अब बॉस आपको सराहे या नहीं हम आपमें ऊर्जा का स्तर कम नहीं होने देंगे। तो चलिए जानते हैं एक बहुत ही जाने-माने प्रेरक गुरु ओशो के कुछ अनमोल विचार।
पेड़ों को देखो, पक्षियों को देखो, बादलों में देखो, सितारों को देखो … और अगर आपके पास आँखें है तो आप यह देखने में सक्षम होगे की पूरा अस्तित्व खुश है सब कुछ बस खुश है पेड़ बिना किसी कारण के खुश हैं ; वे प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने नहीं जा रहे हैं और वे अमीर बनने भी नहीं जा रहे हैं और ना ही कभी उनके पास बैंक बैलेंस होगा .. फूलों को देखिये ,- बिना किसी कारण के कितने खुश और अविश्वसनीय है ..
- आप वही बन जाते हैं जो आप अपने बारे में सोचते हैं।
- जीवन ठेहराव और गति के बीच का संतुलन है।
- जीवन कोई त्रासदी नहीं है; ये एकविनोदप्रियता है। जीवित रहने का मतलब है हास्य का बोध होना।
- जिस दिन आप ने सोच लिया कि आपने ज्ञान पा लिया है, आपकी मृत्यु हो जाती है- क्योंकि अब कोई आश्चर्यनहीं होगा, ना कोई आनंद और ना कोई अचरज। अब आप एक मृतक का जीवन जियेंगे।
- आप जितने लोगों को चाहें उतने लोगों से प्रेम कर सकते हैं – इसका ये मतलब नहीं है कि आप एक दिन दिवालिया हो जायेंगे, और कहेंगे, अब मेरे पास प्रेम नहीं बचा है। जहाँ तक प्रेम का सवाल है आप दिवालिया नहीं हो सकते।
- यदि आप एक दर्पण बन सकते हैं तो आप एक ध्यानी बन सकते हैं। ध्यान दर्पण में देखने की कला है। और अब, आपके अन्दर कोई विचार नहीं चलता इसलिए कोई व्याकुलता नहीं होती।
- कोई आदमी चाहे लाखों चीजें जान ले। चाहे वह पूरे जगत को जान ले लेकिन अगर वह स्वयं को नहीं जानता है तो वह अज्ञानी है।
- अगर हम मरे आदमी से पूछ सकें कि तेरी पीड़ा क्या है तो वह यही कहेगा कि जीवन मेरे पास था और यूंह ही खो दिया। यही मेरी पीड़ा है।
- दूसरे लोग क्या सोचते हैं इसकी चिंता न करो सिर्फ यह देखो कि तुम्हें क्या अच्छा लगता है।