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कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने वाले गांवों को 10 -10 लाख की विशेष ग्रांट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 18 2021 6:59PM | Updated Date: May 18 2021 6:59PM
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चंडीगढ़। पंजाब के गांवों को कोरोना से बचाने के लिये मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोरोना मुक्त गांव अभियान के तहत शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने वाले गांवों को दस -दस लाख रूपये की विशेष ग्रांट देने का ऐलान करते हुये उनसे ठीकरी पहरा देने का आग्रह किया है। उन्होंने आज सभी गांवों के सरपंच तथा पंचों को कोरोना के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभाने की अपील करते हुये कहा कि वे कोरोना के हल्के लक्षण आने पर लोगों को जांच तथा टीकाकरण के लिये प्रेरित करें  और कोविड संक्रमित लोगों के गांवों में प्रवेश को रोकने के लिये ठीकरी पहरा दें। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज पंचायतों के प्रधानों तथा अन्य प्रतिनिधियों के साथ लाइव होकर बातचीत कर रहे थे। 
 
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने पहले ही सरपंचों को कोविड आपात उपचार के लिये पंचायत फंडों में से प्रतिदिन पांच हजार रूपये से पचास हजार तक खर्च करने को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि सरपंच तथा पंच अपने -अपने गांवों में कोविड संक्रमित लोगों के प्रवेश को रोकने के लिये ठीकरी पहरा शुरू करें । पाजिटिव पाये जाने वाले हर व्यक्ति को फतेह किट मुहैया कराये जाने तथा 94 फीसदी से कम आक्सीजन स्तर वाले लोगों का पूरा इलाज यकीनी बनाया जाये । 
 
उन्होंने ग्रामीणों को कहा कि किसी भी तरह के लक्षण नजर आने की सूरत में वो तुरंत एकांतवास कर लें तथा अपनी जांच करायें । इस बारे में कोई भी लापरवाही घातक साबित भी हो सकती है। पंजाब का स्वास्थ्य देखभाल ढांचा मज़बूत है और राज्य में 2046 स्वास्थ्य केंद्र हैं और 800 और ऐसे केंद्र जल्दी ही शुरू किये जाएंगे। सरपंचों और पंचों को इन केन्द्रों की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ कोरोना से पीड़ित गाँव वासियों तक पहुंचाने को भी कहा।
 
मुख्यमंत्री ने बताया कि 18 साल से अधिक उम्र वर्ग के टीकाकरण के लिए अलग-अलग स्रोतों से टीकों का प्रबंध करने का प्रयास किया जा रहा है और इसके अलावा 45 साल से अधिक उम्र की आबादी के लिए टीकों का प्रबंध करने हेतु केंद्र सरकार के पास भी लगातार मसला उठाया जा रहा है।  
 
उन्होंने कहा कि वह कप्तान के तौर पर अकेला कुछ नहीं कर सकते और मिलकर यत्न किये जाने से ही हमें अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। हालाँकि रोज़ाना के केसों की संख्या 17 मई को 9000 से घटकर 6947 हो गई थी परन्तु हालात अभी भी नाजुक हैं  क्योंकि लोग इलाज करवाने में काफी देरी कर देते हैं। यदि इन लोगों ने शुरूआती चरण में ही डॉक्टरी सहायता ली होती तो कई कीमती जानें बचाई जा सकतीं थीं। 
    
 
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