पटना। बिहार की राजनीति में 41 महीने बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से एक्टिव हो गए हैं। साढ़े तीन साल बाद RJD के नेताओं से वर्चुअली मुखातिब हुए लालू प्रसाद यादव करीब तीन मिनट ही बोल सके। मीटिंग के दौरान उनका ऑक्सीजन लेवल डाउन हो गया। कोरोना वायरस के बीच राजद अध्यक्ष ने रविवार को अपनी पार्टी के नेताओं की वर्चुअल संवाद किया। सभी ने एक-एक करके अपनी राय और सुझाव लालू को दिए। तबीयत ठीक न लगने पर उन्होंने 'तबीयत ठीक होने पर आप लोगों के बीच जरूर आएंगे...' कहकर सभी को नमस्कार किया।
तेजस्वी यादव ने पहले ही यह बात सभी को बता दी थी कि लालू प्रसाद की तबीयत बहुत ठीक नहीं है और वे ज्यादा नहीं बोलेंगे। वही हुआ भी। बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लालू के खराब स्वास्थ्य और उनका ऑक्सीजन लेवल गिरने की जानकारी दी। लालू प्रसाद ने दो-तीन मिनट ही पार्टी नेताओं को संबोधित किया। उन्होंने पार्टी विधायकों का आह्वान किया कि यह बहुत मुश्किल वक्त है। बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही है। ऐसे में लगातार अपने क्षेत्र में सक्रिय रहें और लोगों की मदद करें। राजद जिला स्तर पर सहायता केंद्र भी खोलेगा।
ऊंची आवाज गायब, लेकिन हौसला पहले जैसा
मीटिंग के दौरान लालू प्रसाद टी-शर्ट पहने हुए थे। उनकी आवाज भारी लगती रही और सांस भी फूलती रही। कई बार बोलते-बोलते रुक जा रहे थे। धीरे-धीरे बोल रहे थे। लालू पहले जिस तरह रैलियों में बोलते रहे हैं, वैसा तो नहीं बोल पा रहे थे। तेज और ऊंची आवाज गायब थी। इन सबके बावजूद लालू प्रसाद का हौसला देखने लायक रहा।
गरीबों को लालू रसोई में मिलेगा भोजन
राजद की वर्चुअल बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिये सजग रहने की अपील पार्टी नेताओं से की गयी। वर्चुअल मीटिंग में भाग लेने के बाद शेखपुरा विधायक विजय सम्राट ने बताया कि सरकार सोई हुई है। अस्पतालों में नियमित डॉक्टरों का अभाव है। उन्होंने बताया कि गरीब लोगों को कोरोनाकाल में अब लालू रसोई के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। जनप्रतिनिधियों को जमीन पर उतरकर काम करने की जरूरत है। कार्यकर्ताओं से आह्वान किया गया है कि कोरोना काल में जहां तक हो सके लोगों को हरसंभव सहयोग करें।
राजनीति करने के लिए नहीं मिली है जमानत
लालू यादव की इस बैठक को लेकर जेडीयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने मीडिया से कहा कि लालू यादव को जो करना है करें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मगर उन्हें हाईकोर्ट ने राजनीति करने के लिए जमानत नहीं दी है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ट्वीट और सोशल मीडिया के जरिए राजनीति करने वालों को तवज्जो नहीं देती है।